गोड्डा: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के दौरान मधुपुर विधानसभा के बूथ नंबर 111 पर बड़ी गड़बड़ी सामने आई। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर जानकारी दी कि मतदान पदाधिकारी को झामुमो के पक्ष में मतदान कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस घटना ने चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
झामुमो को वोट कराने का आरोप: क्या है मामला?
पीठासीन अधिकारी की घोर लापरवाही
जिला निर्वाचन अधिकारी विशाल सागर के निर्देश पर मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 111 पर तैनात पीठासीन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाकर गिरफ्तार कर लिया गया।
- वेब-कास्टिंग रूम की निगरानी के दौरान यह पाया गया कि पीठासीन अधिकारी मतदान कंपार्टमेंट के पास मौजूद थे।
- यह निर्वाचन आयोग के नियमों का सीधा उल्लंघन है और कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही मानी गई।
डीसी ने दिए सख्त निर्देश
डीसी ने कहा कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ विस्तृत जांच कर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सांसद निशिकांत दुबे का ट्वीट
गिरफ्तारी पर दी जानकारी
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर इस घटना की पुष्टि की।
“मधुपुर विधानसभा बूथ नंबर 111 पर पीठासीन अधिकारी झामुमो के पक्ष में मतदान करवा रहे थे। उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया है और थाने में रखा गया है।”
चुनाव प्रक्रिया पर उठाए सवाल
सांसद ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं और निष्पक्षता बनाए रखना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है।
झारखंड चुनाव का दूसरा चरण: प्रमुख आंकड़े
38 सीटों पर मतदान जारी
झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 38 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है।
- 528 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 472 पुरुष और 55 महिलाएं शामिल हैं।
- मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं।
जनता का उत्साह बरकरार
राज्य के मतदाता अपने क्षेत्र में बेहतर प्रतिनिधि चुनने के लिए उत्साहपूर्वक मतदान कर रहे हैं।
वेब-कास्टिंग से उजागर हुई गड़बड़ी
वेब-कास्टिंग का महत्व
मतदान प्रक्रिया की निगरानी के लिए वेब-कास्टिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है।
- यह तकनीक निर्वाचन अधिकारियों को किसी भी गड़बड़ी को तुरंत पकड़ने में मदद करती है।
- बूथ नंबर 111 पर भी इसी तकनीक के माध्यम से अधिकारी की लापरवाही पकड़ी गई।
निष्पक्षता के लिए जरूरी कदम
चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र पर निष्पक्षता बनाए रखने के लिए तुरंत अधिकारी को हटाने और उनके स्थान पर नए अधिकारी को नियुक्त करने का आदेश दिया।
मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल
इस घटना के बाद चुनाव आयोग की निष्पक्षता और सख्ती पर चर्चा शुरू हो गई है।
- राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
- झामुमो ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।