रांची: झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंईयां सम्मान योजना पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। इस योजना को लेकर विष्णु साहू नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें राज्य सरकार द्वारा इस योजना पर रोक लगाने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और बीजेपी को घेरते हुए एक मजबूत बयान जारी किया है।
मंईयां सम्मान योजना क्या है?
मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य सरकार महिलाओं को 18 से 50 साल की उम्र के बीच 1000 रुपये प्रति माह देने का प्रावधान करती है। इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। साथ ही, हेमंत सोरेन ने दिसंबर 2024 से इस राशि को बढ़ाकर 2500 रुपये करने की घोषणा की है। यह योजना राज्य के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आई है, और सरकार का दावा है कि यह योजना महिलाओं के कल्याण के लिए है।
सीएम हेमंत सोरेन का बीजेपी पर तंज
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर पोस्ट साझा करते हुए कहा, “आज मंईयां सम्मान योजना को बंद करवाने के तानाशाहों के केस पर सुनवाई होगी। हमारी अबुआ सरकार पूरी मजबूती से इस मुकदमे को लड़ रही है। राज्य के सबसे बड़े वकील महाधिवक्ता महोदय, राज्य की सभी मंईयां के हक के लिए हमारी आवाज़ बुलंद करेंगे।” साथ ही उन्होंने कहा, “लड़ेंगे जीतेंगे – पर हम झारखंडी हार नहीं मानेंगे।”
याचिका में क्या है विवाद?
विष्णु साहू ने जनहित याचिका में यह कहा था कि राज्य सरकार किसी व्यक्ति विशेष के अकाउंट में सीधे तौर पर राशि ट्रांसफर नहीं कर सकती है। उनका आरोप है कि यह योजना विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सिर्फ मतदाताओं को लुभाने के लिए लाई गई है। साहू का कहना है कि यह योजना सरकार द्वारा चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल हो रही है।
मंईयां सम्मान योजना अब राजनीति का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है। जहां सरकार इसे महिलाओं के अधिकार और कल्याण के रूप में पेश कर रही है, वहीं विपक्ष इस पर चुनावी दांव के तौर पर आरोप लगा रहा है। इस पूरे मामले की सुनवाई आज झारखंड हाईकोर्ट में होगी, और इस पर आने वाला फैसला राज्य की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।