हजारीबाग (केरेडारी), झारखंड: हजारीबाग जिले के पगार ओपी थाना क्षेत्र अंतर्गत रविवार रात को उग्रवादी संगठन TSPC (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के सदस्यों ने आतंक फैलाते हुए BGR कंपनी के दो भारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया। घटना केरेडारी के केडी कोल परियोजना में हुई, जहां रात करीब 8 बजे अंधाधुंध फायरिंग के बाद दोनों वाहन पूरी तरह जल गए।
रात 8 बजे ताबड़तोड़ फायरिंग, एक युवक घायल
हमले की शुरुआत गोलीबारी से हुई, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। फायरिंग के बाद दो स्कैनिया ट्रकों में आग लगा दी गई। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस घटना में एक युवक घायल हुआ, जिसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस प्रकार की घटनाएं इलाके में TSPC उग्रवादियों की सक्रियता को फिर से उजागर कर रही हैं, जो लंबे समय से औद्योगिक परियोजनाओं को निशाना बना रहे हैं।
TSPC द्वारा छोड़ा गया धमकी भरा पत्र, कंपनियों को चेतावनी
घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल से टीएसपीसी के सब-जोनल कमांडर कौशलजी के नाम से एक पत्र बरामद किया है। पत्र में साफ तौर पर एनटीपीसी, सीसीएल, एलएंडटी व अन्य डीओ होल्डर कंपनियों को चेतावनी दी गई है कि वे संगठन से अनुमति लिए बिना किसी भी प्रकार की परियोजना न चलाएं।
पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि इस चेतावनी को नजरअंदाज किया गया तो अगली बार और भी बड़ी घटना को अंजाम दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित कंपनियों पर होगी।
BGR कंपनी की कोल परियोजना बनी उग्रवादियों का निशाना
हजारीबाग जिले की BGR कंपनी की कोयला परियोजना कई बार उग्रवादी गतिविधियों का शिकार बन चुकी है। TSPC उग्रवादी संगठन द्वारा बार-बार की जा रही हिंसक कार्रवाइयों से कंपनियों में भय और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इससे न केवल कार्य में बाधा आ रही है बल्कि स्थानीय आर्थिक विकास पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
पुलिस की सक्रियता बढ़ी, इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
घटना की सूचना मिलते ही पगार ओपी प्रभारी विक्की ठाकुर टीम के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल की घेराबंदी कर जांच शुरू की गई, और सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। इलाके में पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
हजारीबाग पुलिस के अनुसार, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और हमलावरों की पहचान व गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में फिर सक्रिय हुए उग्रवादी
हालिया हमले से यह स्पष्ट है कि झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों, विशेष रूप से हजारीबाग, लातेहार और चतरा, में उग्रवादी संगठन दोबारा सक्रिय हो रहे हैं। TSPC उग्रवादियों द्वारा औद्योगिक कंपनियों और ठेकेदारों को धमकाने का सिलसिला सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए यह घटना सुरक्षा तंत्र की पुनर्समीक्षा की आवश्यकता को दर्शाती है।
स्थानीय लोग सहमे, उद्योग जगत में चिंता
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में डर का माहौल है। वहीं, परियोजना स्थल पर काम कर रही अन्य कंपनियों ने सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। हजारीबाग उद्योग क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों के मन में भी असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, संभावित ठिकानों पर छापेमारी
इस घटना के बाद झारखंड पुलिस और विशेष शाखा ने उग्रवादियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, TSPC के नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है और इसके पीछे के संगठित नेटवर्क को बेनकाब करने के प्रयास चल रहे हैं।