पोस्टरबाजी से दहशत का माहौल
बेरमो: झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है और इस बीच डुमरी विधानसभा क्षेत्र के नावाडीह प्रखंड में माओवादियों ने शुक्रवार की रात पोस्टरबाजी कर चुनाव बहिष्कार की अपील की। पेंक नारायणपुर थाना के पलामू और नावाडीह थाना क्षेत्र के सारुबेड़ा में सड़क किनारे रखे गए इन पोस्टरों को पत्थरों से दबाया गया था। इन पोस्टरों से ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल बन गया है।
माओवादी पोस्टरों की सामग्री
माओवादियों द्वारा लगाए गए इन पोस्टरों में लिखा था, “वोट क्यों, जंल, जंगल, जमीन से बेदखल करने के लिए, वोट बहिष्कार करें। राजनीतिक संयुक्त मोर्चा (आरपीसी) बनाने के लक्ष्य से मजदूर, किसान और तमाम प्रगतिशील उत्पीड़ित मेहनतकश जनता एक हों। चुनाव बहिष्कार करें। नोटा वर्तमान संसदीय व्यवस्था का एक पार्टी के अलावा कुछ नहीं है। किसान विरोधी कृषि कानून और मजदूर विरोधी श्रम कानून बनाने वाले फासीवादी भाजपा को पहचानो। वोट मांगने आए तो मार भगाओ। फर्जी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करें।”
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार की शाम को बाइक पर सवार होकर दो लोग आए थे और उन्होंने विभिन्न स्थानों पर इन पोस्टरों को रखा और पत्थरों से दबा दिया। इससे क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल है, और वे इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि चुनाव के दौरान उनकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी।
प्रशासन की सतर्कता और तैयारी
पोस्टरबाजी की घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती का आश्वासन दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।
माओवादी गतिविधियों का उद्देश्य
जानकारों के मुताबिक, माओवादियों का यह कदम वोटरों को डराने और चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए किया गया है। उनका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में अपना दबदबा कायम रखना और सरकार की नीतियों का विरोध करना है। हालांकि, चुनाव बहिष्कार के इस आह्वान का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना अभी बाकी है।