रांची। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के परिवारिक सदस्यों के बैंक खातों पर बड़ी कार्रवाई हुई है।
दिल्ली स्थित एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने अंबा प्रसाद सहित उनके 15 करीबी सदस्यों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। इन खातों में कुल 12.24 करोड़ रुपये नकद जमा थे, जिसे अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अपने कब्जे में ले लिया है।
ईडी की कार्रवाई और आदेश
ईडी द्वारा दायर एक ओरिजनल एप्लिकेशन के आधार पर यह फैसला लिया गया।
एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के सदस्य ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया कि जांच को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए जब्त किए गए दस्तावेज़ और बैंक खातों को ईडी के पास रखा जाए।
यह कार्रवाई तब की गई जब ईडी ने अंबा प्रसाद और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की।
छापेमारी के दौरान जब्त की गई सामग्री को रखने के लिए ईडी ने अथॉरिटी में आवेदन दिया था।
12.24 करोड़ की नकद जमा राशि
छापेमारी के दौरान अंबा प्रसाद और उनके परिवारिक सदस्यों से संबंधित बैंक खातों में 12.24 करोड़ रुपये नकद जमा पाए गए। इस राशि का स्रोत नहीं बताया जा सका, जिसके कारण यह धनराशि अब ईडी के नियंत्रण में है।
योगेंद्र साव के व्यापारिक प्रतिष्ठान जैसे एसकेएस एंटरप्राइजेज और अष्टभुजी सिरामिक, जो अंबा प्रसाद के भाई अंकित राज से जुड़े हैं, और अन्य संगठनों जैसे मिलियन ड्रीम्स फाउंडेशन और वी कनेक्ट इंडिया की भी जांच की जा रही है।
नकद जमा का स्रोत अज्ञात
ईडी की जांच के दौरान अंबा प्रसाद और उनके करीबी नकद जमा राशि के बारे में कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे सके।
अंबा प्रसाद ने अंबा प्रसाद फाउंडेशन की स्थापना की थी, जिसकी गतिविधियों को भी ईडी द्वारा जाँच के दायरे में लाया गया है।
29 प्रतिवादी बनाए गए
ईडी ने अपने आवेदन में योगेंद्र साव और उनके परिवार के सदस्यों सहित कुल 29 लोगों को प्रतिवादी बनाया है।
एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया।
सभी प्रतिवादियों ने अलग-अलग अपने-अपने पक्ष पेश किए, लेकिन नकद जमा की कोई संतोषजनक व्याख्या नहीं दी जा सकी।
निष्कर्ष
यह मामला फिलहाल जांच के अधीन है और ईडी की तरफ से आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस कार्रवाई ने अंबा प्रसाद और उनके परिवार के वित्तीय मामलों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका उत्तर अब जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
इसे भी पढ़ें