रांची: राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) झारखंड और रिम्स (RIMS) डायलिसिस केंद्र नेफ्रोप्लस के संयुक्त तत्वावधान में अंगदान जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ‘अंगदान-जीवन संजीवनी अभियान’ के तहत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य मृतक अंगदान को बढ़ावा देना और लोगों में जागरूकता फैलाना है।

अंगदान से किसी को मिल सकता है नया जीवन

कार्यक्रम में रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. हिरेन्द्र बिरुआ, नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रज्ञा पंत घोष और SOTTO झारखंड के नोडल पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन मौजूद रहे।
डॉ. बिरुआ ने कहा कि अंग विफलता केवल मरीज का ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार का जीवन प्रभावित करती है। अंगदान के जरिए किसी जरूरतमंद को नया जीवन मिल सकता है, इसलिए सभी को इस मुहिम से जुड़ना चाहिए।

किडनी ट्रांसप्लांट और अंगदान के फायदे

डॉ. प्रज्ञा पंत ने बताया कि डायलिसिस केवल अस्थायी समाधान है, जबकि किडनी ट्रांसप्लांट मरीज की जीवनशैली में बड़ा सुधार ला सकता है। समय पर अंग प्रत्यारोपण से जीवन की गुणवत्ता और अवधि दोनों बेहतर होती हैं।

अंगदान की प्रक्रिया और भ्रांतियां

SOTTO के नोडल पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि एक मृत व्यक्ति के अंगदान से 8 लोगों को जीवनदान और कई अन्य लोगों को बेहतर जीवन मिल सकता है। उन्होंने बताया कि सभी धर्म अंगदान को मानवता की सेवा मानते हैं।
सोटो की IEC कंसलटेंट साल्विया शर्ली ने अंगदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया और अंगदाता प्रतिज्ञा लेने की प्रक्रिया समझाई।

कार्यक्रम में इनकी रही अहम भूमिका

कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉ. स्वाति भगत, डॉ. कहकशां, साईं चरण, सलोनी समिधा, बमबम धर्वे, बुलबुल बागे सहित नेफ्रोप्लस और SOTTO की टीम का योगदान रहा।

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