रांची (झारखंड): बेडो पुलिस स्टेशन पर हमले के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस ने 500 अज्ञात सहित 34 नामजद आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली है। इस घटना ने राजधानी रांची के ग्रामीण इलाके में कानून व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। पुलिस ने इसे एक “पूर्वनियोजित हमला” करार दिया है और इसकी जांच गंभीरता से की जा रही है।
बेडो थाना हमला: 34 नामजद, 500 अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना शनिवार रात तब हुई जब एक भीड़ ने बेडो थाना परिसर में अचानक धावा बोल दिया। आरोप है कि भीड़ ने पुलिस स्टेशन के भीतर तोड़फोड़ की, कई सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया और एक जेसीबी मशीन को भी आग के हवाले करने की कोशिश की। पुलिस ने आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत 34 लोगों को नामजद किया है और 500 अज्ञात लोगों को भी इस हमले के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है।
FIR में शामिल प्रमुख धाराएं:
- सरकारी कार्य में बाधा डालना
- सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना
- दंगा और गैरकानूनी सभा
- पुलिस पर हमले की कोशिश
बेडो विवाद: भूमि पर कब्जे को लेकर भड़की हिंसा
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब क्षेत्र के आदिवासी समुदाय ने कथित रूप से एक सरना स्थल की खुदाई शुरू की, जिसे प्रशासनिक रिकॉर्ड में महादानी मैदान के रूप में दर्ज किया गया है। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि यह उनकी धार्मिक आस्था से जुड़ा स्थल है, जबकि प्रशासन ने इसे भूमि अतिक्रमण करार दिया।
बिना प्रशासनिक अनुमति के जेसीबी मशीन लगाकर खुदाई किए जाने पर पुलिस ने हस्तक्षेप किया और मशीन तथा चालक को थाने लाया गया। इसके बाद यह आरोप सामने आया कि पुलिसकर्मियों ने चालक के साथ मारपीट की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
हमले में बाहरी तत्वों की भूमिका की जांच
बेडो डीएसपी अशोक राम ने बताया कि इस हमले के पीछे बाहरी तत्वों की भूमिका है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कुछ लोग मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से आए थे और उन्होंने स्थानीय लोगों को भड़काने का कार्य किया। पुलिस की मानें तो इन लोगों ने इलाके में उग्र भाषण देकर माहौल को हिंसक बनाया।
बेडो पुलिस थाना हमला: पुलिस ने उठाए सख्त कदम
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि यह हमला प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना का प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अतिक्रमण की यह कोशिश पूरी तरह से अवैध थी। पुलिस के अनुसार, जब अवैध कब्जे को रोका गया, तो योजनाबद्ध तरीके से थाना पर हमला किया गया।
SSP का बयान:
“प्रशासनिक अनुमति के बिना भूमि कब्जे की कोशिश अस्वीकार्य है। पुलिस पर हमले और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
इलाके में सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी तेज
घटना के बाद पूरे बेडो क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस घटना से संबंधित वीडियो फुटेज और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स की जांच कर रही है ताकि दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।
रांची पुलिस की डिजिटल निगरानी और खुफिया जांच तेज
- सीसीटीवी फुटेज की मदद से हमलावरों की पहचान की जा रही है
- सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर नजर रखी जा रही है
- साइबर सेल को भी जांच में शामिल किया गया है
बेडो थाना हमला: राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने स्थानीय राजनीति और सामाजिक संगठनों में भी हलचल मचा दी है। कुछ संगठनों ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है, जबकि प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।