झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे ‘विशेष दर्जा’ की मांग नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने केवल 1.36 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि की वापसी की अपील की। सीएम सोरेन ने यह बयान प्रधानमंत्री के झारखंड दौरे के दौरान दिया, जहां उन्होंने उम्मीद जताई थी कि पीएम इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाएंगे।

लेकिन, उनकी आशाएं निराशा में बदल गईं जब प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा।

भाजपा की चुप्पी पर सवाल

सीएम सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी सिर्फ झारखंड की जनता के हक को छीनने की साजिश का हिस्सा है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वे दूसरे राज्यों की तरह ‘विशेष दर्जा’ नहीं मांग रहे हैं, बल्कि अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं।

इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि झारखंड की मूल निवासियों की चिंताओं को अनदेखा किया जा रहा है और बड़े कॉरपोरेट घरानों के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है।

पीएम मोदी का झारखंड दौरा

गांधी जयंती के अवसर पर, पीएम मोदी ने झारखंड के हजारीबाग में विकास योजनाओं का ऐलान किया।

उन्होंने विनोबा भावे विश्वविद्यालय से 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की घोषणा की, जो आदिवासियों के उत्थान से जुड़ी हैं।

इस कार्यक्रम के बाद, पीएम मोदी ने बीजेपी की परिवर्तन महासभा को संबोधित करते हुए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि झारखंड के पिछड़ेपन के लिए झामुमो, कांग्रेस और राजद जिम्मेदार हैं, और अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो रोटी, बेटी और माटी की सुरक्षा की जाएगी।

जनता की आवाज़

मुख्यमंत्री सोरेन ने जनता से अपील की है कि वे इस स्थिति को बदलने में सहयोग करें।

उनका मानना है कि केवल जनता के समर्थन से ही वे राज्य की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह समय है जब झारखंड के लोग अपने हक के लिए एकजुट होकर आवाज़ उठाएं।

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