रांची: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस पार्टी पर दोहरी राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जब पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना के समर्थन में खड़ा है, ऐसे समय में कांग्रेस के कुछ नेता सार्वजनिक मंचों से सेना की मंशा और क्षमता पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के इस रवैये को देशहित के विरुद्ध और राष्ट्रविरोधी मानसिकता करार दिया।
कांग्रेस नेताओं के बयानों पर उठाए सवाल
प्रतुल शाहदेव ने विशेष रूप से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत के बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि इनके वक्तव्य पाकिस्तान की संसद और मीडिया में भारत के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर राहुल गांधी सरकार और सेना के साथ खड़े होने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के नेता भारत की रक्षा नीति पर अविश्वास जताते हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचता है।
शिमला समझौते को बताया कांग्रेस की ऐतिहासिक चूक
बीजेपी प्रवक्ता ने 1971 के युद्ध और उसके बाद हुए 1972 के शिमला समझौते का जिक्र करते हुए कांग्रेस को उसकी कथनी और करनी में अंतर का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि 1971 की ऐतिहासिक जीत के बावजूद, कांग्रेस ने बिना किसी शर्त के 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को रिहा कर दिया, जो कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस लेने का सुनहरा अवसर था। प्रतुल शाहदेव ने इसे भारत की रणनीतिक चूक बताया।
इमरजेंसी और सिख दंगों जैसे अध्यायों को भी किया याद
शाहदेव ने कांग्रेस के ऐतिहासिक कार्यकाल की आलोचना करते हुए कहा कि देश इंदिरा गांधी को केवल 1971 की जीत के लिए नहीं, बल्कि आपातकाल, 42वां संविधान संशोधन, और 1984 के सिख दंगे जैसे काले अध्यायों के लिए भी याद करता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बार-बार अतीत के गौरव की बात करती है, लेकिन साथ ही वह देश की सुरक्षा नीति को कमजोर करने वाले वक्तव्य भी देती है।
पाकिस्तानी नागरिकों पर झारखंड सरकार से जवाब की मांग
बीजेपी प्रवक्ता ने झारखंड सरकार पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि विदेश मंत्रालय के निर्देश के बाद झारखंड में पाकिस्तानी वीज़ा पर ओवरस्टे कर रहे नागरिकों की कितनी पहचान की गई है और उनमें से कितनों को देश से निकाला गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार इस गंभीर सुरक्षा विषय को लेकर उदासीन बनी हुई है।
देश की एकता पर सवाल, दोहरी राजनीति से नुकसान
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जब भारत सीमा पर सैन्य अभियान चला रहा है, तब राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता है। ऐसे में विपक्षी दलों का दोहरा रवैया न केवल देश की आंतरिक एकता को कमजोर करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कांग्रेस से स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की।