रांची (झारखंड): झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति एक बार फिर चर्चा में है। स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है कि राज्य में डॉक्टरों की गंभीर कमी है, जिससे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। विभाग ने आंकड़ों के ज़रिए यह स्पष्ट किया है कि हजारों स्वीकृत पद अब भी खाली हैं और इनकी भरपाई के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

Jharkhand Doctor Shortage: 800 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत

वर्तमान में झारखंड में 1,200 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 400 पद ही भरे गए हैं। शेष 800 पद रिक्त हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण विशेषज्ञता की भारी कमी महसूस की जा रही है। इससे गंभीर रोगों की जांच व इलाज में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, खासकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, सर्जरी, हृदय रोग, नेत्र रोग, त्वचा रोग, बाल रोग, और महिला रोग से संबंधित सेवाओं में।

400 सामान्य डॉक्टरों की भी है जरूरत

2,200 स्वीकृत MBBS डॉक्टरों के पदों में से 1,800 पद ही भरे गए हैं, यानी 400 सामान्य चिकित्सकों की भी भारी जरूरत है। इनकी अनुपलब्धता के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) जैसे ग्रामीण चिकित्सा केंद्रों पर सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।

क्यों नहीं जा रहे डॉक्टर ग्रामीण इलाकों में?

स्वास्थ्य विभाग की मानें तो डॉक्टरों के ग्रामीण क्षेत्रों में कम सेवा देने के पीछे कई वजहें हैं –

सुविधाओं की कमी

सुरक्षा को लेकर आशंका

आवास और भत्ते का अभाव

करियर ग्रोथ की सीमित संभावनाएं

इसी कारण अधिकांश डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में तबादले की मांग करते हैं और ग्रामीण सेवाओं में भागीदारी कम रहती है। सरकार अब इसे एक नीति स्तर पर चुनौती मान रही है।

Jharkhand Medical Recruitment: 1200 नए डॉक्टरों की योजना

स्थिति को सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 800 विशेषज्ञ डॉक्टरों और 400 MBBS डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज कर दी है। सभी जिलों को स्थान आधारित आवश्यकता के अनुसार नियुक्तियों को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे गंभीर बीमारियों के इलाज, जांच सेवाओं और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।

125 पदों पर नियुक्ति अंतिम चरण में

राज्य के ग्रामीण अस्पतालों में 125 पदों पर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। इन नियुक्तियों में शामिल होंगे:

मेडिकल ऑफिसर

पारा मेडिकल स्टाफ

स्टाफ नर्स

फार्मासिस्ट

लैब टेक्नीशियन

ये नियुक्तियाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), उप-डिवीजनल हॉस्पिटल (SDH) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में की जाएंगी।

Jharkhand Medical Education: राज्य में कितने डॉक्टर हो रहे पास?

राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से हर वर्ष लगभग 800 MBBS और 235 विशेषज्ञ डॉक्टर पास होते हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश डॉक्टर झारखंड में सेवा देने की जगह दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। अब स्वास्थ्य विभाग की योजना है कि इन डॉक्टरों से राज्य में अनिवार्य सेवा कराई जाए, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

स्वास्थ्य सचिव ने दिए स्पष्ट निर्देश

राज्य के स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, सभी सिविल सर्जनों और अस्पताल अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे चिकित्सकीय आवश्यकता के अनुसार डॉक्टरों की मांग भेजें और नियुक्तियों की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करें। साथ ही, नए नियुक्त डॉक्टरों के लिए भत्तों और सुविधा पैकेज पर भी विचार किया जा रहा है।

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