हजारीबाग, झारखंड – रांची-पटना मुख्य मार्ग पर सोमवार सुबह एक भीषण सड़क दुर्घटना में पटना से हजारीबाग आ रही एक यात्री बस खाई में पलट गई। इस दुर्घटना में छह यात्री घायल हो गए, जिनमें तीन की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। हादसा पदमा ओपी थाना क्षेत्र के पास हुआ।
हजारीबाग बस एक्सीडेंट: खलासी चला रहा था बस, ड्राइवर मौके से फरार
प्रत्यक्षदर्शियों और यात्रियों के अनुसार, बस को उस समय चालक नहीं बल्कि खलासी चला रहा था, जो पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं था। इसी कारण बस का संतुलन बिगड़ा और वह सड़क किनारे खाई में जा गिरी। दुर्घटना के बाद बस चालक और स्टाफ मौके से फरार हो गए, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया।
झारखंड बस हादसा: शीशा तोड़कर यात्रियों ने बचाई जान
दुर्घटना के बाद बस में फंसे यात्रियों ने लोहे की रॉड और अन्य साधनों की मदद से बस की खिड़कियों के शीशे तोड़कर किसी तरह बाहर निकलने की कोशिश की। इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी मच गई और घायलों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग भी मदद के लिए दौड़ पड़े।
पदमा थाना पुलिस ने शुरू किया राहत कार्य, घायलों को पहुंचाया अस्पताल
घटना की सूचना मिलते ही पदमा ओपी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को बाहर निकाला गया। सभी घायलों को तत्काल शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग में भर्ती कराया गया। पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है और बस संचालक और स्टाफ की तलाश शुरू कर दी गई है।
झारखंड हजारीबाग हादसा : कम थी यात्रियों की संख्या, टला बड़ा हादसा
पुलिस के मुताबिक, बस का अंतिम पड़ाव हजारीबाग था और सुबह का समय होने के कारण बस में यात्रियों की संख्या कम थी। यदि बस पूरी तरह भरी होती, तो यह हादसा और भी भयावह हो सकता था। प्राथमिक जांच में यह भी पाया गया कि बस में तकनीकी खराबी नहीं थी, जिससे स्पष्ट होता है कि अनुभवी चालक का न होना ही दुर्घटना का मुख्य कारण रहा।
हजारीबाग बस दुर्घटना पर प्रशासन सतर्क, जांच जारी
झारखंड परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लिया है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में लापरवाही की पुष्टि हुई है और परिवहन विभाग द्वारा बस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना प्रशिक्षित चालकों द्वारा बस संचालन पूरी तरह अवैध है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।