Ranchi News: गैंगस्टर अमन साव के एनकाउंटर मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई। हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान कर रहे थे, ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अमन साव की मां किरण देवी द्वारा दायर याचिका पर जवाब दाखिल किया जाए। याचिका में अमन साव के कथित एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग की गई है।
हाईकोर्ट ने कहा – कोई भी कानून से ऊपर नहीं
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह पुलिस महानिदेशक ही क्यों न हो।” अदालत ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि परिजनों की ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने के बावजूद अब तक मामला रजिस्टर क्यों नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता की दलील – देरी से साक्ष्य नष्ट होने का खतरा
अमन साव की मां किरण देवी की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका (IA) में कहा गया कि सरकार जानबूझकर देरी कर रही है, जिससे कई महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं। कॉल रिकॉर्ड और अन्य डिजिटल साक्ष्यों की समय सीमा समाप्त होने पर जांच प्रभावित हो सकती है।
अमन साव के परिजन की मांग – एनकाउंटर की सीबीआई जांच हो
किरण देवी ने आरोप लगाया कि 11 मार्च को पलामू में पुलिस ने उनके बेटे का फर्जी एनकाउंटर किया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय, सीबीआई निदेशक, झारखंड गृह सचिव, डीजीपी, एसएसपी रांची और एटीएस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।
किरण देवी ने कहा कि उन्हें पहले से आशंका थी कि पुलिस साजिश के तहत एनकाउंटर दिखाकर उनके बेटे की हत्या कर सकती है। उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में अमन साव को चाईबासा जेल से रायपुर स्थानांतरित किया गया था, जहां 75 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा दी गई थी। लेकिन रायपुर से रांची लाते समय केवल 12 सदस्यीय एटीएस टीम को तैनात किया गया।
कोर्ट की अगली सुनवाई तक सरकार को देना होगा जवाब
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि अगली सुनवाई तक याचिका पर जवाब दाखिल किया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि देरी से न्याय प्रक्रिया प्रभावित नहीं होनी चाहिए और अमन साव एनकाउंटर मामले की पारदर्शी जांच जरूरी है।