रांची | झारखंड पुलिस विभागीय परीक्षा (Jharkhand Police Departmental Exam) के नतीजे एक बार फिर निराशाजनक रहे हैं। दोबारा मूल्यांकन (Re-evaluation) के बाद भी परीक्षा में सफलता दर बेहद कम रही। झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी संशोधित परिणाम (Revised Result) के अनुसार कुल 519 पुलिसकर्मियों में से केवल 112 ही उत्तीर्ण हो पाए।

झारखंड पुलिस विभागीय परीक्षा में दोबारा मूल्यांकन के बाद भी निराशाजनक परिणाम

झारखंड पुलिस मुख्यालय (Jharkhand Police Headquarters) ने बताया कि पीटीसी (Police Training Centre) की मुख्य परीक्षा के परिणाम प्रकाशित होने के बाद बड़ी संख्या में असफल पुलिसकर्मियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। कुल 519 पुलिसकर्मियों ने अपने फेल हुए विषयों के पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी।

विभाग ने सभी आवेदन नियमानुसार स्वीकार किए और उत्तरपुस्तिकाओं (Answer Sheets) का पुनर्मूल्यांकन कराया गया। मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा प्राप्तांक (Marks) की पुनः जांच के बाद संशोधित रिजल्ट तैयार किया गया।

संशोधित रिजल्ट में सिर्फ 112 पुलिसकर्मी ही पास

संशोधित परिणाम के अनुसार, 519 पुलिसकर्मियों में से मात्र 112 उम्मीदवार ही सफल घोषित किए गए। यानी लगभग 78% पुलिसकर्मी पुनर्मूल्यांकन के बाद भी परीक्षा में पास नहीं हो सके। यह दर्शाता है कि झारखंड पुलिस विभागीय परीक्षा की कठिनाई स्तर (Difficulty Level) काफी ऊंचा था या मूल्यांकन प्रक्रिया में सख्ती बरती गई थी।

विभागीय परीक्षा में कम सफलता दर से पुलिसकर्मियों में निराशा

सफलता दर बेहद कम रहने से कई पुलिसकर्मी निराश हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, कुछ अभ्यर्थियों ने मूल्यांकन प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर सवाल भी उठाए हैं। वहीं, पुलिस मुख्यालय का कहना है कि परीक्षा मूल्यांकन पूरी तरह से नियमों और प्रक्रियाओं के तहत किया गया है।

झारखंड पुलिस परीक्षा में पारदर्शिता और दक्षता पर जोर

झारखंड पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि विभागीय परीक्षा (Departmental Examination) में पारदर्शिता और योग्यता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। परीक्षा का उद्देश्य है — पुलिस बल में पदोन्नति (Promotion) के लिए योग्य कर्मियों का चयन करना।

वहीं, आगामी विभागीय परीक्षाओं में मूल्यांकन प्रक्रिया को और अधिक तकनीकी एवं सटीक बनाने की दिशा में विभाग विचार कर रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की असंतुष्टि या भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो।

परीक्षा परिणामों ने बढ़ाई भविष्य की चुनौती

इस बार के परिणामों ने यह संकेत दिया है कि झारखंड पुलिस कर्मियों को आगे की विभागीय परीक्षाओं के लिए और अधिक तैयारी की आवश्यकता है। राज्य भर में इस परीक्षा को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी असफल क्यों हुए।

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