रांची: स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एक बार फिर यह साबित किया कि उनके लिए जनसेवा ही सर्वोपरि है। रांची के मेदांता अस्पताल में 32 वर्षीय पिंटू कुमार की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव को परिजनों को सौंपने से पहले ₹40,485 का बिल चुकाने की मांग की। यह घटना तब सामने आई जब मृतक के परिजनों ने मदद के लिए गुहार लगाई।

मंत्री का हस्तक्षेप

मामला मंत्री इरफान अंसारी तक पहुंचा, जिन्होंने तुरंत अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया। उन्होंने अपने आदेश का हवाला देते हुए शव को बिना बकाया राशि लिए सौंपने का निर्देश दिया। मंत्री के इस हस्तक्षेप के बाद, अस्पताल ने शव परिजनों को सौंप दिया।

मंत्री के आदेश का महत्व

स्वास्थ्य मंत्री ने पहले ही सभी अस्पतालों को निर्देश दिया था कि किसी भी मृतक का शव बिना किसी बकाया राशि की मांग के उनके परिजनों को सौंपा जाए। इसके बावजूद, मेदांता अस्पताल द्वारा इस आदेश की अवहेलना की गई। मंत्री के हस्तक्षेप से यह स्पष्ट हो गया कि सरकार जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।

जनता की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद मंत्री इरफान अंसारी की जमकर सराहना हो रही है। लोग उनकी कार्यशैली और संवेदनशीलता की तारीफ कर रहे हैं। परिजनों ने भी उनके इस कदम की सराहना की और उनके लिए दुआएं कीं।

मंत्री का बयान

मंत्री इरफान अंसारी ने कहा,
“जनता की सेवा करना ही मेरा धर्म है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि किसी भी अस्पताल में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।”

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