रांची | 18 अक्टूबर: झारखंड में बिजली से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) की ओर से 29 नवंबर को विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बिजली उपभोक्ताओं को शीघ्र न्याय और राहत प्रदान करना है। इस लोक अदालत में बिजली बिल विवाद, अनधिकृत उपयोग, लंबित बकाया व अन्य बिजली संबंधित मामलों का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से किया जाएगा।

झारखंड में बिजली विवादों के समाधान की पहल

JHALSA राज्य के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (DLSAs) के सहयोग से इस विशेष लोक अदालत का आयोजन करेगी। इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार कर सभी जिलों को भेजी गई है। इस SOP में प्री-लोक अदालत की प्रक्रिया से लेकर विवाद निपटान के दिशा-निर्देश शामिल हैं।

राज्य में वर्तमान में लगभग 20,000 से अधिक बिजली विवाद विभिन्न न्यायालयों और मंचों में लंबित हैं। JHALSA ने इस विशेष लोक अदालत के माध्यम से इनमें से कम से कम 50% मामलों के निपटारे का लक्ष्य निर्धारित किया है।

बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

इस विशेष लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य बिजली उपभोक्ताओं और बिजली विभाग के बीच आपसी समझौते को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से न केवल पुराने विवादों का निपटारा होगा, बल्कि न्याय तक आसान पहुंच भी सुनिश्चित की जाएगी।

प्राधिकरण का कहना है कि इस लोक अदालत से विभागीय बोझ घटेगा, उपभोक्ताओं का समय बचेगा और लंबित मामलों में तेजी से फैसला होगा।

विशेष लोक अदालत का पूरा शेड्यूल

विशेष लोक अदालत के आयोजन से पहले कई चरणों में तैयारी की जाएगी ताकि अधिकतम मामलों को सुलझाया जा सके।

  • 01 नवंबर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) के अध्यक्ष संबंधित अधिकारियों और हितधारकों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
  • 03 से 22 नवंबर: बिजली विवादों की पहचान कर संबंधित उपभोक्ताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे।
  • 24 से 28 नवंबर: प्री-लोक अदालत का आयोजन होगा, जिसमें दोनों पक्षों के बीच संवाद और समझौते की कोशिश की जाएगी।
  • 29 नवंबर: विशेष लोक अदालत का आयोजन होगा, जो उसी दिन होने वाली मासिक लोक अदालत के साथ संपन्न होगी।

SOP के तहत प्रमुख बिंदु और दिशा-निर्देश

JHALSA की ओर से जारी SOP में कई महत्वपूर्ण पहलें शामिल की गई हैं—

  • प्रत्येक जिले और प्रखंड में बिजली विवादों पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
  • पूर्व-विवाद (Pre-litigation) मामलों को भी लोक अदालत में शामिल किया जाएगा।
  • लंबित जांच या तकनीकी मामलों को प्राथमिकता के साथ निपटाया जाएगा।
  • पैरा लीगल वॉलंटियर्स (PLVs) और मध्यस्थों (Mediators) की सहायता से पक्षकारों के बीच संवाद कराया जाएगा।
  • रेडियो, मीडिया, बैनर और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

न्याय तक आसान पहुंच की दिशा में कदम

इस विशेष लोक अदालत को झारखंड में न्याय सुलभ बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है। इसके तहत न केवल न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल किया जाएगा, बल्कि नागरिकों और विभागों के बीच समझौते का वातावरण भी तैयार होगा।

राज्य के कई जिलों—रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग, पलामू और गिरिडीह—में भी इस लोक अदालत के माध्यम से बिजली विवादों के समाधान की उम्मीद की जा रही है।

उपभोक्ताओं के लिए संदेश

JHALSA ने सभी बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने लंबित बिजली मामलों का समाधान इस लोक अदालत के माध्यम से कराएं। संस्था का उद्देश्य है कि प्रत्येक उपभोक्ता को तेजी से, सुलभ और पारदर्शी न्याय प्राप्त हो सके।

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