धनबाद: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) द्वारा जीतपुर कोल माइंस बंद करने के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन (RCMU) ने इसे एक “गंभीर साजिश” करार देते हुए केंद्र सरकार और SAIL प्रबंधन से निर्णय तत्काल वापस लेने की मांग की है। यूनियन का दावा है कि यह खान न सिर्फ आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि हज़ारों मजदूरों की रोज़ी-रोटी से भी जुड़ी हुई है।
109 वर्षों से संचालित हो रही जीतपुर कोल माइंस: RCMU ने जताई चिंता
RCMU के राष्ट्रीय महासचिव एके झा ने कहा कि जीतपुर कोल माइंस का संचालन पिछले 109 वर्षों से किया जा रहा है। यह खदान न सिर्फ SAIL के उत्पादन तंत्र का अहम हिस्सा रही है, बल्कि देश की राष्ट्रीय कोयला संपत्तियों में से एक मानी जाती है।
उन्होंने आगाह किया कि खदान की बंदी से 1000 से अधिक मजदूर परिवारों की जीविका पर संकट मंडरा रहा है और साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान होगा।
DGMS की रिपोर्ट मात्र एक बहाना, असल में साजिश: RCMU
RCMU का आरोप है कि खदान बंद करने का निर्णय डायरेक्टरेट जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी (DGMS) की रिपोर्ट को आधार बनाकर लिया गया है, लेकिन वास्तव में यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है।
एके झा ने कहा, “यह निर्णय कुछ पूंजीपतियों और अधिकारियों की मिलीभगत से लिया गया है, जो राष्ट्रीय संपत्तियों के निजीकरण की ओर एक खतरनाक संकेत है। इस तरह की बंदी को देशद्रोह जैसा कृत्य माना जाना चाहिए।”
विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने केंद्रीय इस्पात मंत्री को लिखा पत्र
INTUC के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और धनबाद के विधायक जयमंगल सिंह (अनूप सिंह) ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय इस्पात मंत्री और SAIL चेयरमैन को पत्र लिखा है। उन्होंने आग्रह किया है कि मजदूरों और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और खदान का उत्पादन दोबारा शुरू किया जाए।
जीतपुर कोल माइंस में मौजूद है 11 मिलियन टन कोयले का भंडार
RCMU के अनुसार, खदान में अब भी करीब 11 मिलियन टन वाशरी ग्रेड-3 कोयले का भंडार मौजूद है। यूनियन का कहना है कि SAIL के पास ऐसी तकनीकी विशेषज्ञता मौजूद है जिससे पानी की निकासी की जा सकती है और उत्पादन फिर से शुरू हो सकता है।
एके झा ने कहा कि अगर SAIL चाहे तो कुछ ही महीनों में खदान की स्थिति बहाल की जा सकती है।
SAIL को दी गई चेतावनी, जल्द निर्णय बदले अन्यथा व्यापक आंदोलन
RCMU ने चेतावनी दी है कि अगर SAIL प्रबंधन ने जल्द ही जीतपुर माइंस बंदी का फैसला वापस नहीं लिया, तो देशव्यापी स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। यूनियन का कहना है कि इस फैसले से कोयला उत्पादन पर असर, मजदूरों की बेरोजगारी और राज्य की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
