रांची (Jharkhand News): सावन की तीसरी सोमवारी पर रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने गंगाजल, दूध और बेलपत्र से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर आस्था प्रकट की।

पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

तीसरी सोमवारी को विशेष महत्व माना जाता है। बड़ी संख्या में भक्त कांवर लेकर पैदल यात्रा कर पहाड़ी मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर में विशेष पूजन, रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया।

महिला और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था

जिला प्रशासन ने सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए। महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग लेन बनाई गई, जबकि बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई।

अरघा सिस्टम से हुआ जलाभिषेक

मुख्य मंदिर में श्रद्धालुओं ने अरघा सिस्टम के जरिए भगवान शिव को जल चढ़ाया। मंदिर समिति के अनुसार, हर सोमवारी को हजारों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन तीसरी सोमवारी पर सबसे अधिक भीड़ देखने को मिली।

सावन की तीसरी सोमवारी का महत्व

पंडितों का कहना है कि तीसरी सोमवारी पर जलाभिषेक करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि पहाड़ी मंदिर में पूजा करने से बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि मिलती है।

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