रांची, 10 मई: राजधानी रांची के धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित सेक्टर 3 मार्केट में बीती रात एक सुनियोजित चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। चोरों ने बाजार की करीब 10 दुकानों के ताले तोड़े, लेकिन केवल एक दुकान में घुसकर चोरी कर सके। इस वारदात ने स्थानीय व्यापारियों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।
धुर्वा सेक्टर 3 मार्केट में एक दुकान से नकदी और सामान की चोरी
घटना की जानकारी के अनुसार, चोरों ने रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए सेक्टर 3 बाजार में स्थित दुकानों को निशाना बनाया। सुबह जब दुकानदार अपनी दुकानें खोलने पहुंचे तो पाया कि लगभग 10 दुकानों के ताले टूटे हुए थे। हालांकि, इनमें से केवल एक दुकान में ही चोर घुसने में सफल हो सके, जहां से उन्होंने नगद राशि और कुछ मूल्यवान सामान पर हाथ साफ किया।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है पुलिस
धुर्वा थाना पुलिस को जैसे ही घटना की सूचना मिली, टीम मौके पर पहुंची और जांच प्रक्रिया प्रारंभ की गई। पुलिस ने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है ताकि चोरों की पहचान की जा सके। अधिकारियों ने कहा है कि फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी जल्द संभव होगी।
स्थानीय व्यापारियों में भय का माहौल, सुरक्षा बढ़ाने की मांग
इस चोरी की घटना के बाद सेक्टर 3 मार्केट में व्यापारियों में रोष और भय व्याप्त है। उनका कहना है कि बाजार में रात्रि गश्ती की व्यवस्था कमजोर है, जिससे असामाजिक तत्वों को ऐसी घटनाओं को अंजाम देने में आसानी होती है। दुकानदारों ने पुलिस प्रशासन से रात में पेट्रोलिंग बढ़ाने और चौकसी कड़ी करने की मांग की है।
10 दुकानों के ताले टूटे, केवल एक में चोरी की पुष्टि
इस पूरे मामले में एक चौंकाने वाली बात यह भी रही कि चोरों ने भले ही 10 दुकानों के ताले तोड़े, लेकिन केवल एक दुकान का शटर ही उठाकर भीतर घुस पाए। अन्य दुकानों के शटर नहीं खुले, जिससे संभवतः बड़ी चोरी टल गई। इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि चोरों की योजना अधूरी रह गई या किसी कारणवश उन्हें भागना पड़ा।
बढ़ती चोरी की घटनाओं से सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
पिछले कुछ महीनों में रांची के कई क्षेत्रों से चोरी की घटनाओं की खबरें सामने आ चुकी हैं। धुर्वा सेक्टर 3 मार्केट की यह वारदात इन घटनाओं की श्रृंखला को और लंबा करती है। पुलिस की गश्ती व्यवस्था, रात्रिकालीन निगरानी और सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस समय पर सक्रिय होती, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था।