रांची : झारखंड सरकार ने सारंडा वाइल्डलाइफ सेंचुरी की सुरक्षा और विकास के लिए पांच सदस्यीय ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया है।
इस समूह की अध्यक्षता वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर करेंगे। कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले को राज्य के पर्यावरण संरक्षण और जनजातीय समुदायों के हितों की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
सारंडा वन क्षेत्र पर विशेष ध्यान
सारंडा वाइल्डलाइफ सेंचुरी झारखंड का प्रमुख वन क्षेत्र है, जो न केवल जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां रहने वाले जनजातीय समुदायों के जीवन और आजीविका से भी जुड़ा हुआ है। सरकार का उद्देश्य इस क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और विकास कार्यों के बीच संतुलन बनाना है।
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में कौन-कौन शामिल
गठित समिति में शामिल मंत्री इस प्रकार हैं:
- वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर – अध्यक्ष
- भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ – सदस्य
- कल्याण मंत्री चमरा लिंडा – सदस्य
- उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव – सदस्य
- ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका सिंह पांडेय – सदस्य
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की जिम्मेदारियां
यह समूह सारंडा वन क्षेत्र का दौरा करेगा और संरक्षण, विकास तथा स्थानीय लोगों की भलाई से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करेगा। इसके बाद कैबिनेट के सामने अपनी सिफारिशें पेश करेगा।
सहयोग और प्रबंधन
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स को वन एवं पर्यावरण विभाग, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग विभाग का सहयोग मिलेगा। संबंधित जिले के डीसी और एसपी की जिम्मेदारी होगी कि वे स्थल भ्रमण के दौरान सुरक्षा, आवास और वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
महत्व और संभावित प्रभाव
सरकार की यह पहल न केवल वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता की सुरक्षा के लिए कारगर साबित होगी, बल्कि सारंडा के आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में भी सहायक होगी।
