रांची: गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के एक ट्वीट ने झारखंड की राजनीति में उबाल ला दिया है। निशिकांत दुबे ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर यह आरोप लगाया है कि रांची के एसएसपी और देवघर के एसपी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के खिलाफ षड्यंत्र रचा है। दुबे ने ट्वीट कर इस साजिश की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि यह चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास है।
देवघर एसपी पर लगे आरोप: वकील सुजीत कुमार के मामले में साजिश
दुबे का दावा है कि देवघर के एसपी ने अधिवक्ता सुजीत कुमार को पुलिस लाइन में तीन दिनों तक अवैध रूप से रखा और इसके जरिए ईडी को फंसाने की योजना बनाई। दुबे का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई झारखंड के चुनावों पर असर डाल सकती है, और उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।
कांके में भूमि हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
कांके इलाके में जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर कर करोड़ों रुपये की अवैध खरीद-बिक्री और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पर ईडी जांच कर रही है। इस केस में रांची के निवासी संजीव पांडेय ने दावा किया है कि अधिवक्ता सुजीत कुमार ने उनसे पैसे लेकर भरोसा दिलाया था कि उनका नाम ईडी की चार्जशीट में नहीं आएगा। संजीव के अनुसार, सुजीत ने उनसे पांच करोड़ रुपये से अधिक की राशि ठगी। इसके बावजूद उनका नाम चार्जशीट में आ गया, जिससे संजीव पांडेय और अधिक विवाद में घिर गए।
सुजीत कुमार द्वारा संजीव पांडेय पर अपहरण का आरोप
इस मामले में जब संजीव पांडेय ने अपनी राशि वापस मांगी, तो सुजीत कुमार ने 54 चेक और अपनी कार देकर रकम लौटाने का वादा किया। लेकिन इस विवाद ने एक और मोड़ लिया जब सुजीत ने संजीव और उनके साथियों पर अपहरण का आरोप लगाया और दावा किया कि उन्होंने सुजीत से 12 लाख रुपये वसूलने के बाद उसे छोड़ा। दोनों पक्षों की ओर से पंडरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और ईडी इस मामले की भी जांच कर रही है।
राजनीतिक तनाव और ईडी जांच पर सवाल
निशिकांत दुबे के ट्वीट ने झारखंड की राजनीतिक स्थिति में तनाव बढ़ा दिया है। एक ओर जहां ईडी मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच में जुटी है, वहीं दूसरी ओर राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों पर साजिश के आरोप ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले पर राज्यपाल और केंद्रीय एजेंसियों की नजर है, और आगे के घटनाक्रम पर ध्यान दिया जा रहा है।
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