झारखंड के कोडरमा में कुएं से उठी जहरीली गैस बनी दो युवकों की मौत का कारण
कोडरमा (झारखंड) — नवलशाही थाना क्षेत्र अंतर्गत पूर्णानगर गांव में गुरुवार देर रात एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ। खेत में इस्तेमाल होने वाला डीजल पंप सेट कुएं में गिर जाने पर उसे निकालने के प्रयास में दो युवकों की जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत हो गई। इस त्रासदी ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया।
मृतकों की पहचान: बहादुर राणा और सुरेंद्र साव की गई जान
मृतकों की पहचान पूर्णानगर गांव निवासी बहादुर राणा (30 वर्ष) और सुरेंद्र साव (32 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों गुरुवार रात खेत पर डीजल पंप गिरने की सूचना मिलने के बाद उसे निकालने कुएं पर पहुंचे थे। अंधेरे में बिना किसी सुरक्षात्मक उपाय के दोनों रस्सी के सहारे कुएं में उतरे।
काफी समय तक बाहर नहीं निकलने पर आसपास के लोगों को संदेह हुआ और जब वे कुएं के पास पहुंचे, तो दोनों युवकों को अचेत अवस्था में कुएं के अंदर पड़ा पाया।
चार लोगों ने किया बचाव का प्रयास, जानलेवा गैस से खुद भी हुए प्रभावित
घटना स्थल पर मौजूद चार अन्य ग्रामीणों — जिनमें कारू राणा शामिल हैं — ने तत्काल बचाव प्रयास शुरू किया और खुद कुएं में उतरे। लेकिन कुएं के भीतर पहुंचते ही उन्हें सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई और उन्होंने इशारे से बाहर खड़े लोगों से तत्काल खींचने का आग्रह किया।
बाहर आने के बाद उन्होंने बताया कि कुएं में पानी केवल कमर तक था, लेकिन डीजल के रिसाव से जहरीली गैस भर गई थी, जिससे अंदर रहना मुश्किल हो गया था।
सदर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित किया दोनों युवकों को
घायल युवकों को आनन-फानन में 108 एंबुलेंस की मदद से कोडरमा सदर अस्पताल लाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने बहादुर राणा और सुरेंद्र साव को मृत घोषित कर दिया। कारू राणा को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज जारी है।
नवलशाही पुलिस ने शुरू की जांच, शवों को भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए
घटना की सूचना मिलते ही नवलशाही थाना पुलिस सदर अस्पताल पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी। पुलिस ने मौके से जरूरी साक्ष्य जुटाए हैं और प्रारंभिक तौर पर घटना को जहरीली गैस से दम घुटने का मामला माना है।
कोडरमा कुएं में गैस हादसा: स्थानीय लोगों में मातम और दहशत का माहौल
पूर्णानगर गांव में शोक की लहर फैल गई है। हर कोई बहादुर और सुरेंद्र की असामयिक मौत से स्तब्ध है। परिजन और ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षित सिंचाई प्रणाली और कुएं की नियमित जांच की मांग की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई प्रशासनिक कदम नहीं उठाया गया।
कुएं में जहरीली गैस की समस्या: विशेषज्ञों ने जताई चेतावनी
इस घटना ने एक बार फिर कुएं में जमा होने वाली जहरीली गैस की समस्या को उजागर कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, डीजल, मेथेन, हाइड्रोजन सल्फाइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें अक्सर पुराने और संकरे कुओं में जमा हो जाती हैं।
ऑक्सीजन की कमी और बंद वातावरण इन गैसों को अत्यधिक जहरीला बना देते हैं, जो किसी भी व्यक्ति की जान के लिए खतरा बन सकते हैं।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता: प्रशासन से मांगा स्थायी समाधान
यह हादसा इस ओर संकेत करता है कि कृषि उपकरणों की सुरक्षा, सिंचाई साधनों की निगरानी, और गैस डिटेक्शन सिस्टम की व्यवस्था अब ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी हो चुकी है। ग्रामीण इलाकों में कुएं में उतरने से पूर्व वेंटिलेशन, मास्क, और गैस डिटेक्टर जैसे बुनियादी सुरक्षा उपायों को अपनाना जीवन रक्षक सिद्ध हो सकते हैं।
प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जागरूकता अभियान, तकनीकी सहयोग, और गंभीर निगरानी व्यवस्था को जल्द लागू किया जाए।