रांची: देश की सीमा पर उत्पन्न संभावित आपात स्थिति को देखते हुए झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। साथ ही, सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। यह कदम स्वास्थ्य व्यवस्था को किसी भी संभावित संकट से निपटने के लिए तैयार रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सभी सरकारी डॉक्टरों को कार्यस्थल पर रहने का निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी डॉक्टर की छुट्टी अब मान्य नहीं होगी। डॉक्टरों को अपने निर्धारित अस्पतालों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना होगा। जिलों के सिविल सर्जनों को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है और अस्पताल प्रबंधन को अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश भी जारी किया गया है।
बॉर्डर पर जरूरत पड़ी तो सेवाएं देंगे झारखंड के डॉक्टर
डॉ. इरफान अंसारी ने कहा, “यदि परिस्थिति मांग करेगी तो झारखंड के डॉक्टर सीमा क्षेत्र में भी जाकर अपनी सेवा देंगे। राज्य सरकार इस दिशा में पूरी तरह तैयार है।” उन्होंने बताया कि आर्मी कैंप क्षेत्रों में विशेष मेडिकल यूनिट्स तैयार की गई हैं और अतिरिक्त बजट का प्रावधान भी किया गया है, जिससे चिकित्सा सेवाओं में किसी प्रकार की बाधा न आए।
निजी अस्पतालों को भी हाई अलर्ट पर रहने का आदेश
झारखंड के निजी अस्पतालों को भी निर्देशित किया गया है कि वे 24 घंटे सतर्क और सेवा में उपलब्ध रहें। यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने निजी मेडिकल सेक्टर को सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से निपटने में सहयोग हेतु सक्रिय रूप से जोड़ा है। राज्य के सभी प्रमुख निजी अस्पतालों को स्टाफिंग, दवाइयों और आपातकालीन सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी स्थिति पर निगरानी की जानकारी
डॉ. अंसारी ने कहा कि वे स्वयं इस स्थिति की निगरानी और नेतृत्व कर रहे हैं। “मैं पहले डॉक्टर हूं, फिर मंत्री। देश की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है,” उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा।
झारखंड सरकार की रणनीति पर राष्ट्रीय ध्यान
इस निर्णय को लेकर झारखंड सरकार की तत्परता और सजगता की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। एक ओर जहां डॉक्टरों की छुट्टियों को रद्द किया गया, वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों की भागीदारी को सुनिश्चित किया गया, जो राज्य की संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करता है।
सीमावर्ती इलाकों में विशेष मेडिकल तैयारियां
राज्य के सीमावर्ती जिलों जैसे गिरिडीह, पलामू, चतरा और लातेहार में अस्पतालों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया है कि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए ऑक्सीजन, बेड्स, दवाएं और चिकित्सक दल की उपलब्धता सुनिश्चित करें। विभागीय टीम इन अस्पतालों का निरीक्षण कर रही है और रोजाना रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है।
झारखंड हेल्थ डिपार्टमेंट की डिजिटल मॉनिटरिंग शुरू
झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने डिजिटल निगरानी तंत्र भी सक्रिय किया है, जिसके अंतर्गत हर जिले से रीयल-टाइम डेटा अपडेट लिया जा रहा है। इसके माध्यम से किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी की जानकारी तुरंत राज्य मुख्यालय को प्राप्त हो रही है।
स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों को किया गया अलर्ट
डॉक्टरों के अलावा ANM, GNM, नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन और पैरामेडिकल कर्मचारियों को भी अलर्ट किया गया है। उन्हें छुट्टी पर जाने से रोका गया है और आवश्यक सेवाओं में पूरी मुस्तैदी से जुटने का निर्देश जारी हुआ है।