रांची : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर झारखंड की राजधानी रांची स्थित बापू वाटिका में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और विधायक कल्पना सोरेन समेत कई जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने दोनों महान नेताओं की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित किए।

गांधी और शास्त्री की जयंती पर रांची में श्रद्धांजलि सभा

कार्यक्रम की शुरुआत गांधी जी के प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम” से हुई, जिसे मृणालिनी अखौरी और उनकी टीम ने प्रस्तुत किया। पूरे परिसर में श्रद्धा और राष्ट्रभक्ति का माहौल दिखाई दिया।

राज्यपाल गंगवार ने दोनों नेताओं के योगदान को किया याद

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी, वहीं लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान के नारे के साथ देश को आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज का भारत इन आदर्शों पर आगे बढ़ते हुए विश्व पटल पर नई पहचान बना रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बोले – 2 अक्टूबर देश के लिए ऐतिहासिक दिन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2 अक्टूबर को देश के इतिहास का महत्वपूर्ण दिन बताते हुए कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी ने भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूत बनाया। उन्होंने कहा कि उनके सिद्धांतों और आदर्शों से आज भी देश को नई ऊर्जा मिल रही है।

विजयादशमी और गांधी-शास्त्री जयंती का संगम

रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि इस वर्ष 2 अक्टूबर का दिन विशेष है, क्योंकि विजयादशमी और दोनों महान नेताओं की जयंती एक साथ पड़ी। उन्होंने गांधी जी के स्वच्छता और अहिंसा के संदेश को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया और कहा कि शास्त्री जी का सादगीपूर्ण जीवन हर नागरिक के लिए प्रेरणादायक है।

राष्ट्रभक्ति से भरा रांची का माहौल

रांची में आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संगठनों, शिक्षण संस्थानों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। पूरा शहर गांधी जी और शास्त्री जी की शिक्षाओं को याद कर एकजुटता और राष्ट्रप्रेम का संदेश देता दिखाई दिया।

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