ACB की जांच में तेजी, झारखंड शराब घोटाले में अधिकारियों और कंपनियों पर शिकंजा
रांची: झारखंड में बहुचर्चित शराब घोटाले (Jharkhand Liquor Scam) की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पूर्व उत्पाद आयुक्त, वर्तमान सचिव सहित कुल 15 लोगों को समन जारी किया है। यह समन पूछताछ के लिए भेजा गया है, जिसमें कई नामचीन कंपनियों के निदेशक और अधिकारी भी शामिल हैं।
Jharkhand Liquor Scam में शामिल अधिकारियों को भेजा गया समन
ACB ने उत्पाद विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों को समन जारी किया है। इसमें झारखंड के वर्तमान उत्पाद सचिव मनोज कुमार और हाल ही में सेवानिवृत्त हुए पूर्व आयुक्त अमित प्रकाश प्रमुख नाम हैं। इसके अलावा, प्लेसमेंट एजेंसियों के सीईओ, निदेशक और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी तलब किया गया है।
जिन अधिकारियों को समन भेजा गया है, वे 8 जून से ACB कार्यालय में उपस्थित होकर पूछताछ में शामिल होंगे। ACB के अनुसार, पूछताछ का उद्देश्य इस घोटाले में उनकी संभावित भूमिका और वित्तीय अनियमितताओं की जांच करना है।
शराब घोटाले में पहले से गिरफ्तार अफसर
अब तक इस घोटाले में जिन प्रमुख अफसरों को गिरफ्तार किया जा चुका है, उनमें शामिल हैं:
- विनय कुमार चौबे, पूर्व उत्पाद सचिव
- गजेंद्र सिंह, संयुक्त उत्पाद आयुक्त
- सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास, जेएसीबीसीएल के पूर्व जीएम (फाइनेंस)
Jharkhand Liquor Scam में इन कंपनियों को भेजा गया समन
ACB ने उन प्लेसमेंट और सिक्योरिटी एजेंसियों को भी समन भेजा है, जो शराब दुकानों में मानव संसाधन उपलब्ध कराने का कार्य कर रही थीं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- विजन हॉस्पिटलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट प्रा. लि.
- मार्शन इनोवेटिव सेक्यूरिटी सर्विस प्रा. लि.
- इन दोनों कंपनियों के सात निदेशकों से 3 और 4 जून को पूछताछ होनी है।
- A to Z इंफ्रासर्विसेस, गुड़गांव
- सीईओ: अमित इंद्रसेन मित्तल
- निदेशक: दीपाली मित्तल, मनोज तिवारी, अरुण गौड़, रीतू गोयल, परमात्मा सिंह राठौर
- चेयरपर्सन: प्रतिमा खन्ना
- कंपनी कार्यरत: धनबाद, सरायकेला-खरसांवा और पश्चिमी सिंहभूम
- ईगल हंटर्स सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड
- निदेशक: दक्ष लोहिया, सरोज लोहिया, महाराज सिंह
- एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर: बृह हैरी संधू
- प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल
- निदेशक: संजीव जैन, राजीव द्विवेदी
ACB का मानना है कि इन कंपनियों की भूमिका सिर्फ मानव संसाधन तक सीमित नहीं थी, बल्कि इनके माध्यम से वित्तीय गड़बड़ियों को अंजाम दिया गया।
झारखंड शराब घोटाले की जांच दिल्ली-हरियाणा तक फैली
Jharkhand Liquor Scam की जांच अब झारखंड की सीमाओं को पार करते हुए दिल्ली और हरियाणा तक पहुंच चुकी है। इससे स्पष्ट है कि इस घोटाले की जड़ें कई राज्यों में फैली हुई हैं और इसमें मल्टी-स्टेट कॉरपोरेट नेटवर्क भी संदिग्ध भूमिका में हैं। ACB दिल्ली और हरियाणा की एजेंसियों से भी संपर्क में है ताकि समन्वयपूर्ण जांच सुनिश्चित की जा सके।
ACB जांच में तेजी, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
ACB द्वारा लगातार समन जारी किए जाने के बाद राज्य की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, घोटाले से संबंधित दस्तावेज़ों, लेन-देन, बैंक स्टेटमेंट और अन्य रिकॉर्ड्स की बारीकी से जांच की जा रही है। साथ ही, आगे और भी गिरफ्तारियों की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है।
Jharkhand Liquor Scam: ACB की कार्रवाई से हड़कंप
इस घोटाले ने झारखंड की प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और प्रशासन की निगरानी में शराब वितरण और बिक्री व्यवस्था के भीतर जिस तरह से भ्रष्टाचार की परतें खुल रही हैं, उससे राज्य भर में प्रशासनिक साख को गहरा झटका लगा है। ACB द्वारा अब तक की गई कार्रवाई दर्शाती है कि जांच एजेंसी घोटाले की तह तक जाकर आरोपियों को न्याय के दायरे में लाना चाहती है।