Jharkhand News: देश में खेलों पर राजनीति तेज हो गई है। पेरिस ओलंपिक में अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को दी गई धनराशि को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर इस धनराशि के वितरण में भेदभाव का आरोप लगाया है।

झारखंड को सबसे कम राशि

सीएम हेमंत सोरेन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र ने झारखंड को खेलों को बढ़ावा देने के लिए मात्र 9.63 करोड़ रुपये की राशि दी है।

उन्होंने इसे अन्याय करार दिया और सवाल उठाया कि झारखंड को इतनी कम राशि क्यों दी गई।

उन्होंने लिखा, “झारखंड को केवल 9 करोड़ रुपये मिले हैं। राज्यों में सबसे छोटे गोवा के बाद झारखंड को सबसे कम राशि दी गई है। अगर यह अन्याय नहीं है, तो और क्या है?”

बिहार को झारखंड से अधिक राशि

सोरेन का आरोप तब और गंभीर हो जाता है जब यह देखा जाता है कि बिहार को इसी मद में 20.34 करोड़ रुपये की राशि दी गई है।

झारखंड, जो कि खनिज संपदाओं और प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न राज्य है, को इतनी कम राशि मिलने पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

खेलों में भेदभाव का आरोप

सीएम सोरेन ने केंद्र सरकार पर खेलों में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड को केंद्र की ओर से लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह खेलों में इस तरह के भेदभाव को खत्म करे और झारखंड को उसकी सही हिस्सेदारी प्रदान करे।

झारखंड, जो कि देश के कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों का घर है, के साथ इस तरह का व्यवहार राज्य के खेल प्रतिभाओं के लिए निराशाजनक है।

खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र से मिलने वाली राशि पर इस तरह का भेदभाव झारखंड की खेल विकास योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

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