झारखंड कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना में बड़ा बदलाव किया गया है।
इस फैसले से अब राज्य के किसानों का कर्ज माफी की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है।
कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि इस बैठक में कुल 37 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
कर्ज माफी की सीमा बढ़ी
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक 4.73 लाख किसानों के 1,900.35 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए गए हैं।
अब वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी की घोषणा की गई है।
इस निर्णय के तहत, कट ऑफ डेट 31 मार्च 2020 रखी गई है और इस पर करीब 750 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।
पारंपरिक ग्राम प्रधानों के मानदेय में बढ़ोतरी
राज्य सरकार ने पारंपरिक ग्राम प्रधानों के मानदेय को दोगुना करने का भी फैसला लिया है।
अब मानकी और परगनैतों को 6,000 रुपये प्रति माह का मानदेय दिया जाएगा, जबकि मुंडा और ग्राम प्रधान को 4,000 रुपये और अन्य पारंपरिक ग्राम प्रधानों को 2,000 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलेगा।
इस बढ़ोतरी से सरकार के खजाने पर हर साल 44.79 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
कैबिनेट की बैठक में अन्य महत्वपूर्ण फैसले
इसके अलावा, कैबिनेट बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। इन फैसलों से राज्य के विकास और किसानों के कल्याण को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि झारखंड के किसानों को अधिकतम राहत मिले और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
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