बोकारो (झारखंड) — प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह बोकारो जिले में वन भूमि घोटाले को लेकर एक और बड़ी छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया। यह छापेमारी चास स्थित राणा प्रताप नगर और नगर सेवा भवन में की गई। कार्रवाई का संबंध तेतुलिया मौजा क्षेत्र में वन भूमि को अवैध रूप से औद्योगिक उपयोग के लिए स्वीकृत किए जाने से है।
चास में पेंट और ज़मीन कारोबारी के आवास पर ईडी की छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, ईडी की आठ अधिकारियों की टीम ने सुबह करीब 8 बजे चास के राणा प्रताप नगर स्थित पेंट और रियल एस्टेट व्यवसायी महेश नागिया के आवास पर दस्तक दी। टीम ने घर की तलाशी ली और दस्तावेज़ों को खंगाला। यह रेड उस संदिग्ध प्रक्रिया से जुड़ी है, जिसमें कथित रूप से वन भूमि को औद्योगिक उपयोग के लिए बिना वैध अनुमति के परिवर्तित किया गया था।
नगर सेवा भवन पर भी ईडी की दबिश
ईडी की एक अन्य टीम ने बोकारो स्टील सिटी के नगर सेवा भवन में भी छापेमारी की। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि बोकारो स्टील प्लांट (BSL) को जिस जमीन पर कार्य मिला, वह भूमि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई थी, और उस पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी किया गया था — जबकि वह जमीन वन क्षेत्र के अंतर्गत आती थी।
वन भूमि को औद्योगिक उपयोग की मंजूरी पर सवाल
तेतुलिया मौजा की भूमि स्पष्ट रूप से वन क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत थी। इसके बावजूद, दस्तावेजों में इसे औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर दिया गया। ईडी को शक है कि इस प्रक्रिया में कई सरकारी अधिकारी और कारोबारी शामिल हैं, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया और कथित रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
गौरतलब है कि इसी वन भूमि घोटाले में ईडी ने पहले भी छापेमारी की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि एजेंसी इस मामले में गंभीरता से जांच कर रही है। इस घोटाले में शामिल लोगों की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए दस्तावेज़ी प्रमाण और इलेक्ट्रॉनिक डेटा को खंगाला जा रहा है। माना जा रहा है कि इस ताजा छापेमारी में कई अहम दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत ईडी के हाथ लग सकते हैं।
प्रशासनिक और कारोबारी गलियारों में हलचल
इस कार्रवाई के बाद बोकारो के प्रशासनिक और रियल एस्टेट सर्कल में खलबली मच गई है। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी आगामी दिनों में और भी स्थानों पर छापेमारी कर सकती है। ईडी के अधिकारी मामले में शामिल संभावित लैंड माफिया, सरकारी अधिकारी, और दलालों की भूमिका को गहराई से खंगालने में जुटे हैं।