रांची, 12 दिसंबर 2024: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कड़े आदेशों के बाद, कैमरून में फंसे 47 प्रवासी श्रमिकों को उनका लंबित वेतन मिलना शुरू हो गया है। ये श्रमिक तीन महीने से वेतन का भुगतान न होने के कारण गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद संबंधित श्रमायुक्तों ने हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
वेतन लंबित था तीन महीने से
- ये श्रमिक M/s Transrail Lighting Limited, कैमरून में कार्यरत थे और उनका तीन महीने से वेतन लंबित था।
- श्रमिकों को वेतन नहीं मिलने की वजह से वे भारत वापसी की मांग कर रहे थे।
- श्रमिकों को बिना उचित निबंधन और लाइसेंस के कैमरून भेजा गया था, जो नियमों का उल्लंघन था।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर, राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी और श्रमिकों से संपर्क किया।
- कंपनी ने बताया कि श्रमिकों को $100 प्रति माह का भुगतान किया गया था और बाकी का बकाया राशि उनके भारतीय खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।
- श्रमिकों ने इस भुगतान की पुष्टि की है।
भारत सरकार का प्रयास: श्रमिकों की सुरक्षित वापसी
भारत के उच्चायोग और विदेश मंत्रालय ने फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास तेज कर दिए हैं।
- कण्ट्रोल रूम ने मामले के शीघ्र निपटारे का आश्वासन दिया है।
- ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और अगर वे वेतन का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उनका समझौता रद्द कर दिया जाएगा।