रांची/नई दिल्ली (Jharkhand CBI News) – केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) से जुड़े कोयला वसूली रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए बड़ी कार्रवाई की है। CCL के तीन कर्मचारियों समेत एक बाहरी व्यक्ति को अवैध वसूली और कोयला तस्करी में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया है। यह मामला अरगड़ा कोलियरी और गिद्दी-A प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है, जहां ट्रकों से ₹1800 प्रति ट्रक की दर से अवैध वसूली की जा रही थी।
CCL Scam News: मुख्य आरोपी की महीने में ₹10 लाख तक की कमाई
CBI की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस कोयला वसूली रैकेट के तहत हर ट्रक से ₹1800 लिए जा रहे थे। इस अवैध नेटवर्क का संचालन अयोध्या करमाली कर रहा था, जो CCL गिद्दी-A कोलियरी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत है। अनुमान है कि वह इस गोरखधंधे से मासिक ₹10 लाख तक की कमाई कर रहा था।
CCL Corruption Case: गिरफ्तार किए गए आरोपी
CBI ने चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम और पद इस प्रकार हैं:
- अयोध्या करमाली – प्रोजेक्ट मैनेजर, गिद्दी-A कोलियरी (मुख्य आरोपी)
- मुकेश कुमार – क्लर्क, गिद्दी-A कोलियरी
- प्रकाश महली – CCL कर्मचारी
- विजय कुमार सिंह – बाहरी व्यक्ति, कोयला लिफ्टर
CBI Investigation: डिजिटल ट्रांजैक्शन से खुला पूरा खेल
CBI द्वारा की गई फॉरेंसिक जांच में विजय कुमार सिंह के मोबाइल से अहम साक्ष्य बरामद किए गए। रिकॉर्ड से पता चला कि:
- मुकेश कुमार के माध्यम से अयोध्या करमाली को ₹2.03 लाख का भुगतान किया गया।
- अन्य कोल लिफ्टरों द्वारा प्रकाश महली के खाते में ₹4.98 लाख ट्रांसफर किए गए थे।
- इस प्रकार ₹7 लाख से अधिक की अवैध धनराशि की डिजिटल ट्रेल पाई गई।
Coal Transport Corruption: संयुक्त छापेमारी और FIR की टाइमलाइन
- 6 मार्च 2025 को CBI और CCL विजिलेंस की टीम ने गिद्दी-A कोलियरी में संयुक्त छापेमारी की थी।
- छापेमारी के दौरान अवैध वसूली के प्रमाण मिले।
- 5 जून 2025 को CBI ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की और विस्तृत जांच प्रारंभ की।
आरोपियों ने नहीं दिया सहयोग, हुई गिरफ्तारी
CBI के अनुसार, आरोपी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे। जांच में बाधा पहुंचाने और साक्ष्य छुपाने की कोशिशों के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद सभी को रेलवे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
