Ranchi: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने दिल्ली स्थित झारखंड भवन और ऊर्जा विभाग के गेस्ट हाउस में ठहरने को लेकर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल निगरानी सचिवालय का यह फैसला कि केवल विधायकों के सगे संबंधी ही झारखंड भवन में रह सकते हैं, उचित नहीं है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.
मरांडी ने आरोप लगाया कि डॉ रामेश्वर उरांव ने आलोक दूबे और लाल किशोर नाथ शाहदेव को “संबंधी” बनाकर झारखंड भवन में ठहराया. उन्होंने स्पीकर से पांच साल का रजिस्टर मंगवाने की मांग की, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि दिल्ली स्थित झारखंड भवन में आखिर कौन-कौन ठहरा है.
ऊर्जा विभाग का गेस्ट हाउस और मासिक खर्च पर सवाल
मरांडी ने कहा कि दिल्ली में ऊर्जा विभाग के गेस्ट हाउस के लिए हर महीने पांच लाख रुपए किराया दिया जा रहा है. इसके अलावा आठ स्टाफ और चार–पांच वाहन भी तैनात हैं. उन्होंने सवाल किया कि इस गेस्ट हाउस में अब तक कितने विधायक ठहरे हैं और इसे किसके आदेश पर संचालित किया जा रहा है.
उन्होंने रजिस्टर प्रस्तुत करने, ठहरने वालों की सूची मंगाने, जिम्मेदार अधिकारी और आवंटन प्रक्रिया की जांच की मांग की.
सरकार ने कहा—मामला गंभीर, जांच होगी
इस मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने स्वीकार किया कि यह गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी और नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों की जांच की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का निर्णय कैबिनेट की स्वीकृति के बिना नहीं लिया जा सकता.
