NEET Paper Leak Case: बिहार-झारखंड में ईडी की छापेमारी तेज, मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच
रांची/पटना: NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बिहार और झारखंड में कई स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं की जांच के तहत की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह रेड CBI द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर ECIR (Enforcement Case Information Report) दर्ज होने के बाद की गई है।
CBI की FIR के बाद ED ने संभाला मोर्चा
NEET-UG की परीक्षा 5 मई 2024 को आयोजित की गई थी, जिसके बाद पेपर लीक की खबरें सामने आईं। शुरुआत में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने जांच की, जिसे बाद में गंभीरता को देखते हुए CBI को सौंप दिया गया। CBI अब तक इस मामले में 8 आरोपियों को नामजद कर चुकी है:
- संजीव मुखिया
- सिकंदर यादवेंदु
- आयुष राज
- रॉकी
- अमित आनंद
- नीतीश कुमार
- बिट्टू
- अखिलेश
ED की जांच का फोकस: NEET घोटाले में पैसों की लेन-देन पर नजर
CBI की जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अब ED इस मामले में फाइनेंशियल एंगल पर ध्यान केंद्रित कर रही है। ED की टीमें उन बिंदुओं की गहन जांच कर रही हैं जिनमें शामिल हैं:
- लीक पेपर के जरिए कितनी रकम वसूली गई
- पैसों का लेन-देन किन माध्यमों से हुआ
- किन-किन प्रॉपर्टी या खातों में धन को खपाया गया
- किन नए नामों का खुलासा हो सकता है
NEET पेपर लीक केस में छापेमारी के दौरान मिले इलेक्ट्रॉनिक सबूत
प्रवर्तन निदेशालय की टीमें छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेजों, मोबाइल फोन, लैपटॉप और डिजिटल डेटा की जांच में जुटी हुई हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार, कई ऐसे डिवाइसेस बरामद किए गए हैं जिनसे मनी ट्रेल और नेटवर्क की पूरी संरचना का खुलासा हो सकता है।
NEET परीक्षा लीक: शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
NEET जैसे प्रतिष्ठित और प्रतिस्पर्धात्मक राष्ट्रीय परीक्षा में पेपर लीक की घटना ने देश की शिक्षा प्रणाली और परीक्षा पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह मामला अब केवल शिक्षा का नहीं, बल्कि संगठित आपराधिक गिरोहों की संलिप्तता का भी बनता जा रहा है।
अधिकारियों की निगरानी में कार्रवाई जारी
सूत्रों की मानें तो ED की टीमें पटना, मुजफ्फरपुर, गया, रांची और हजारीबाग समेत कई इलाकों में एक साथ कोऑर्डिनेटेड रेड कर रही हैं। CBI और ED के बीच डेटा शेयरिंग और समन्वय जारी है। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि इस छापेमारी से पेपर लीक रैकेट के मास्टरमाइंड और पूरे नेटवर्क की पूरी तस्वीर सामने आएगी।
कई अन्य एजेंसियां भी हो सकती हैं शामिल
CBI और ED की सक्रियता के बाद अब इस मामले में इनकम टैक्स विभाग, साइबर सेल, और बैंकिंग एजेंसियों के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है ताकि पूरे नेटवर्क को वित्तीय, तकनीकी और कानूनी स्तर पर जांचा जा सके।