पश्चिमी सिंहभूम, 21 दिसंबर 2024: वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखंड और फोरेस्ट डिपार्टमेंट, चाईबासा वन प्रमंडल के संयुक्त प्रयास से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, टोंटो में मेगा महिला स्वास्थ्य और दृष्टि सुरक्षा अभियान का आयोजन किया गया। इस शिविर में 2043 मरीजों को लाभ मिला, जिनमें सबसे ज्यादा 313 मरीज आंखों की बीमारियों से ग्रसित पाए गए।
मुख्य अतिथि और प्रमुख उपस्थिति
इस शिविर का उद्घाटन उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने किया। कार्यक्रम में सिविल सर्जन चाईबासा डॉ. सुशांतो मांझी, डीएफओ पोड़ाहाट वन प्रमंडल, डीडीसी और एसडीएम चक्रधरपुर उपस्थित थे।
प्रमुख उपलब्धियां
- आंखों की बीमारियां:
- 313 मरीज आंखों की बीमारियों से ग्रसित पाए गए।
- 8 छोटे बच्चों में जन्मजात मोतियाबिंद और 150 बुजुर्गों में मोतियाबिंद की पहचान की गई।
- महिला स्वास्थ्य:
- गर्भाशय ग्रीवा के क्षरण से ग्रसित 11 मरीजों और सर्वाइकल प्री-कैंसर से ग्रसित 2 मरीजों का क्रायो उपचार किया गया।
- 100% जननांग संबंधी सूजन वाली महिलाओं का दवा से इलाज किया गया।
- दृष्टि सुरक्षा:
- मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, और रेटिना की बीमारियों का इलाज कश्यप मेमोरियल ऑय हॉस्पिटल, रांची में आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त किया जाएगा।
डॉ. भारती कश्यप का बयान

डॉ. भारती कश्यप, अध्यक्ष, वूमेन डॉक्टर्स विंग झारखंड, ने बताया कि 1991 से दृष्टि सुरक्षा अभियान और 2014 से मेगा महिला स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। उनका उद्देश्य है:
- PVTG (Particular Vulnerable Tribal Group) और पिछड़े वर्गों के स्वास्थ्य में सुधार।
- स्थानीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना।
- महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम।
- बच्चों में मोतियाबिंद और कॉर्निया की बीमारियों का इलाज।
अभियान की निरंतरता
यह अभियान झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में जारी रहेगा।
- 1 जुलाई: गुआ
- 15 जुलाई: गोइलकेरा
- 21 दिसंबर: टोंटो
- 4 जनवरी: पाकुड़
- 5 जनवरी: साहिबगंज
अभियान का उद्देश्य
- स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना।
- आदिवासी और पिछड़े वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
- डिजिटल वीडियो कॉलपोस्कोप के जरिए सर्वाइकल प्री-कैंसर का समय पर इलाज।
इस मेगा अभियान ने न केवल हजारों मरीजों को लाभ पहुंचाया, बल्कि झारखंड के दूरदराज इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का एक नया आयाम स्थापित किया।