श्रीलंका की पहली महिला प्रधानमंत्री और अब तीसरी बार महिला नेतृत्व
श्रीलंका एक बार फिर इतिहास रचते हुए हरिनी अमरसूर्या को प्रधानमंत्री के रूप में चुन चुका है।
यह वही देश है जिसने दुनिया को पहली महिला प्रधानमंत्री दी थी, और अब, अपने 76 वर्षों के इतिहास में श्रीलंका ने तीसरी बार एक महिला को इस सर्वोच्च पद पर बैठाया है।
कौन हैं हरिनी अमरसूर्या?
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
हरिनी अमरसूर्या का जन्म फरवरी 1970 में हुआ था।
उनके शिक्षा के सफर ने उन्हें कई देशों में भ्रमण कराया। उन्होंने श्रीलंका के कोलंबो स्थित बिशप कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, और इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की।
भारत से उनका यह शैक्षिक संबंध आज भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
ऑस्ट्रेलिया और स्कॉटलैंड में उच्च शिक्षा
स्नातक के बाद, अमरसूर्या ने ऑस्ट्रेलिया से एंथ्रोपोलॉजी और डेवलपमेंट स्टडीज में पोस्टग्रेजुएशन किया। इसके बाद वे स्कॉटलैंड गईं और वहां से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए वे हमेशा से सक्रिय रही हैं और श्रीलंका ओपन यूनिवर्सिटी में सामाजिक विज्ञान विभाग की सीनियर लेक्चरर के रूप में कार्यरत हैं।
शिक्षा और समाज के प्रति योगदान
शिक्षा के क्षेत्र में मुखर आवाज
हरिनी अमरसूर्या ने श्रीलंका की शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। उन्होंने हमेशा यह मांग उठाई कि श्रीलंका की GDP का 6 प्रतिशत शिक्षा के लिए आवंटित किया जाए।
इसके साथ ही, वे लैंगिक समानता, सामाजिक कल्याण और एड्स जैसी गंभीर समस्याओं पर भी जागरूकता फैलाने का कार्य करती रही हैं।
राजनीति में कदम
सक्रिय राजनीति की शुरुआत
कॉलेज के दिनों से ही अमरसूर्या राजनीति में सक्रिय रही हैं। उन्होंने ‘पीपुल्स पावर पार्टी’ (NPP) के लिए काम करना शुरू किया, जो एक सामाजिक संगठन है।
साल 2020 में वे पहली बार सांसद चुनी गईं।
अमरसूर्या ने अपने राजनीतिक करियर में सामाजिक मुद्दों को प्राथमिकता दी और हमेशा लोगों की भलाई के लिए कार्य करती रहीं।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक नियुक्ति
दिसानायके को राष्ट्रपति बनाने में अहम भूमिका
अनुरा कुमारा दिसानायके को श्रीलंका का राष्ट्रपति बनाने में हरिनी अमरसूर्या की बड़ी भूमिका रही।
उन्होंने 21,500 किमी की यात्रा कर दिसानायके के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
21 सितंबर को दिसानायके ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और 24 सितंबर को हरिनी अमरसूर्या ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने दिनेश गुणवर्धने की जगह यह जिम्मेदारी संभाली है।
भारत से अमरसूर्या का रिश्ता
हरिनी अमरसूर्या का भारत से गहरा नाता है, खासकर उनकी शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों में।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका भारत से लगाव और गहरा हो गया।
भारतीय शैक्षणिक संस्थाओं में बिताया उनका समय उनकी राजनीति और समाज सेवा में एक महत्वपूर्ण आधार साबित हुआ है।
हरिनी अमरसूर्या के प्रधानमंत्री बनने से श्रीलंका में न सिर्फ राजनीतिक, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सुधारों की उम्मीदें भी जाग उठी हैं।
उनकी नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता श्रीलंका के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।
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