रांची (झारखंड) – सावन माह के पहले सोमवार पर रांची स्थित ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शुक्रवार तड़के से ही मंदिर की 468 सीढ़ियों पर भोलेनाथ के दर्शन के लिए लंबी कतारें लग गईं। श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर भगवान शिव से परिवार की सुख-शांति और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की।
पहाड़ी मंदिर में सावन के पहले दिन हजारों भक्तों ने किया शिव जलाभिषेक
सावन के पावन महीने की शुरुआत होते ही रांची के पहाड़ी मंदिर में जलाभिषेक की परंपरा निभाने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर प्रांगण ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने गंगाजल, दूध, बेलपत्र, भांग और धतूरा चढ़ाकर भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश की।
मंदिर समिति के अनुसार, पहले ही दिन 10,000 से अधिक भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। भक्तों में न केवल रांची बल्कि आसपास के जिलों से भी शिवभक्त पहाड़ी मंदिर पहुंचे।
श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रबंध
सावन के पहले सोमवार पर अत्यधिक भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने मिलकर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को सख्ती से लागू किया।
मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए।
महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग कतारें लगाई गईं।
सीसीटीवी कैमरों से पूरे परिसर की निगरानी की गई।
25 से अधिक पुलिसकर्मी और 10 महिला सुरक्षा अधिकारी तैनात किए गए।
मेडिकल टीम और एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद रहे।
रांची का पहाड़ी मंदिर: धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व का केंद्र
पहाड़ी मंदिर न सिर्फ रांची शहर के बीचों-बीच स्थित है, बल्कि यह ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ब्रिटिश काल में इसी पहाड़ी पर स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी जाती थी। आज़ादी के बाद इस स्थान को धार्मिक स्थल में बदलते हुए भगवान शिव को समर्पित किया गया।
हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है — ऐसा करने वाला यह भारत का एकमात्र मंदिर माना जाता है।
यहाँ से रांची शहर का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और प्रकृति की सुंदरता का एहसास कराता है।
भक्तों ने सावन के पहले दिन को बताया विशेष और पुण्यकारी
पहाड़ी मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि सावन का पहला दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। रांची निवासी सुमन देवी ने कहा, “मैं हर साल सावन की शुरुआत बाबा भोलेनाथ के चरणों में जल अर्पित कर करती हूं। यहाँ आने से आत्मिक शांति मिलती है।”
वहीं एक अन्य श्रद्धालु, महेश साव ने बताया, “बाबा का पहला जल चढ़ाने से साल भर घर में सुख-शांति बनी रहती है।”
सावन सोमवार के लिए प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने सावन के सभी सोमवारों के लिए श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गों का पालन करें, अफवाहों से बचें और सहयोग बनाए रखें।
सावन में पहाड़ी मंदिर बना रांची का प्रमुख धार्मिक केंद्र
रांची स्थित पहाड़ी मंदिर हर वर्ष सावन महीने में हजारों भक्तों का आस्था केंद्र बनता है। सावन के प्रत्येक सोमवार को यहाँ भक्तों की संख्या में कई गुना वृद्धि होती है। मंदिर परिसर में शिव पुराण, भजन-कीर्तन और रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया जा रहा है।
इस वर्ष प्रशासन ने सावन में सुचारु दर्शन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष कंट्रोल रूम और निगरानी प्रणाली भी स्थापित की है।
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