स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था पर बाबूलाल मरांडी का बयान

रांची: झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की गिरती स्थिति को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की कार्यप्रणाली ने पूरे विभाग को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है।

उन्होंने हाल ही में एक ऐसी घटना का उल्लेख किया, जिसमें एक घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस के बजाय टेंपो का सहारा लिया गया। मरांडी ने इसे राज्य सरकार की असफलता का प्रतीक बताया और कहा कि यह घटना दर्शाती है कि झारखंड में जरूरतमंदों को समय पर चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल पा रही है।

झारखंड में एम्बुलेंस की कमी बनी चुनौती

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में सरकारी एम्बुलेंस की उपलब्धता बेहद सीमित है और गरीबों के लिए यह सेवाएं नाम मात्र की बनकर रह गई हैं। उन्होंने सरकार की “एयर एम्बुलेंस” जैसी घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब जमीनी स्तर पर साधारण एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच रही, तो एयर एम्बुलेंस की बातें केवल प्रचार का हिस्सा हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री केवल खुद की तारीफ में व्यस्त हैं, जबकि हकीकत यह है कि राज्य के अस्पतालों में संसाधनों की भारी कमी है और मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करने को मजबूर होना पड़ता है।

राज्य सरकार की नीति पर उठाए सवाल

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार झूठे विज्ञापनों और खोखले वादों से जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था वास्तव में अच्छी होती, तो मंत्री और मुख्यमंत्री स्वयं इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों पर भरोसा करते। बाबूलाल ने इस स्थिति को आम जनता के साथ क्रूर मज़ाक बताया और कहा कि सरकार की प्राथमिकता में आम लोगों की ज़रूरतें नहीं हैं।

जनहित में स्वास्थ्य सेवाओं के पुनर्गठन की मांग

बाबूलाल मरांडी ने मांग की कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से सुधारने के लिए एक ठोस और पारदर्शी नीति लागू की जाए। उन्होंने इस मुद्दे पर विधानसभा में भी आवाज़ उठाने का संकेत दिया है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को देखते हुए अब विपक्ष ने इस विषय को जनहित से जोड़ते हुए बड़ा मुद्दा बना दिया है।

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