चांडिल। ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र की राजनीति इन दिनों तेजी से करवट बदल रही है। चुनावी माहौल के बीच हर दल के नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को कई नेताओं ने अपने पुराने दल छोड़कर दूसरे दलों का दामन थामा, जिससे क्षेत्र की राजनीतिक तस्वीर बदलती नजर आ रही है।
एनडीए उम्मीदवार के साथ नए चेहरों की एंट्री
शुक्रवार सुबह एनडीए उम्मीदवार हरेलाल महतो के नेतृत्व में जेएलकेएम के केंद्रीय संगठन महासचिव सह विस्थापित अधिकार मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो और जेएलकेएम जिला सचिव सुखदेव महतो के नेतृत्व में सक्रिय कार्यकर्ताओं ने आजसू पार्टी की सदस्यता ली। इन नेताओं के पार्टी बदलने से आजसू पार्टी को क्षेत्र में नई ऊर्जा मिल रही है।
कांग्रेस नेता ने परिवार समेत थामा आजसू पार्टी का हाथ
शुक्रवार शाम को ईचागढ़ प्रखंड के सोड़ो पंचायत के मुखिया और कांग्रेस नेता नयन सिंह मुंडा ने अपनी पत्नी, जो जिला परिषद सदस्य सुभाषिनी देवी हैं, समेत अपने समर्थकों के साथ आजसू पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस कदम से कांग्रेस को क्षेत्र में बड़ा झटका लगा है, जबकि आजसू पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है।
आजसू पार्टी के जिलाध्यक्ष ने थामा झामुमो का दामन
जहां एक ओर कई नेता आजसू पार्टी में शामिल हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी के जिलाध्यक्ष सचिन महतो ने आजसू से नाता तोड़ते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सदस्यता ग्रहण कर ली। ईचागढ़ में मुख्यमंत्री की पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन के समक्ष दिलीप महतो और पूर्व जिला सचिव अजय कुमार महतो ने भी झामुमो का दामन थामा।
वास्तविक मुद्दों के हाशिए पर होने से मतदाता चिंतित
तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच चुनाव प्रचार अभियान ने जोर पकड़ लिया है। प्रत्याशी लोगों से मिलकर अपने पक्ष में समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन आम मतदाता क्षेत्र के वास्तविक मुद्दों के पीछे छूट जाने से निराश दिखाई दे रहे हैं। विकास, बुनियादी सुविधाएं और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे इस चुनावी माहौल में गौण हो गए हैं, जिससे जनता के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है।
इस बार के चुनाव में लगातार नेताओं के दल बदलने से मतदाता असमंजस में हैं। वे यह समझने में असफल हो रहे हैं कि कौन सा दल उनकी आवश्यकताओं और उम्मीदों को पूरा करेगा। क्षेत्र की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों ने चुनावी समीकरणों को उलझा दिया है।