रांची | 13 अक्टूबर: झारखंड में नए आपराधिक कानूनों के सुचारू और प्रभावी कार्यान्वयन की तैयारी को लेकर एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता झारखंड सशस्त्र पुलिस (JAP) डीआईजी करेंगे। बैठक में राज्यभर के पुलिस अधिकारियों, सीसीटीएनएस (CCTNS) नोडल पदाधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं।

नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर होगी व्यापक समीक्षा

बैठक में मुख्य रूप से यह आकलन किया जाएगा कि नए आपराधिक न्याय संहिता, नया साक्ष्य अधिनियम और नया दंड संहिता कानून किस स्तर तक लागू किए जा रहे हैं।
इन कानूनों के डिजिटल इंटीग्रेशन, ऑनलाइन डेटा एंट्री सिस्टम और प्रशिक्षण मॉड्यूल पर भी चर्चा की जाएगी।

सीसीटीएनएस और ई-साक्ष्य ऐप के उपयोग पर जोर

समीक्षा बैठक में सीसीटीएनएस प्लेटफॉर्म (Crime and Criminal Tracking Network System) पर डेटा एंट्री की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा।
साथ ही, ई-साक्ष्य (E-Evidence) ऐप के प्रयोग, फॉरेंसिक जांच, और वैज्ञानिक अनुसंधान प्रणाली की प्रगति पर भी चर्चा होगी।
सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों को फील्ड में लागू करने की अद्यतन रिपोर्ट बैठक के दौरान प्रस्तुत करें।

डिजिटल आपराधिक न्याय प्रणाली को सशक्त बनाने पर फोकस

बैठक का एक प्रमुख एजेंडा राज्य की डिजिटल आपराधिक न्याय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना है।
इसके तहत केस मैनेजमेंट, इलेक्ट्रॉनिक सबूत संग्रहण, और फाइल ट्रैकिंग प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के उपायों पर विचार किया जाएगा।
अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे डेटा एंट्री में त्रुटि रहित अद्यतन सुनिश्चित करें ताकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के साथ रियल-टाइम सिंकिंग में कोई बाधा न आए।

जिलों के अधिकारियों को समय पर भागीदारी के निर्देश

सभी जिलों के सीसीटीएनएस नोडल पदाधिकारियों और संबंधित तकनीकी टीमों को आवश्यक तैयारी के साथ निर्धारित समय पर बैठक में शामिल होने का आदेश जारी किया गया है।
उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि वे फील्ड स्तर पर सामने आ रही चुनौतियों और उनके समाधान का विस्तृत प्रस्तुतीकरण तैयार करें।

आपराधिक मामलों के त्वरित निपटान पर जोर

बैठक में यह भी समीक्षा की जाएगी कि नए कानूनों के तहत दर्ज मामलों का निष्पादन, चार्जशीट दाखिल करने की समयसीमा, और फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट कितनी तेजी से पूरी की जा रही है।
डीआईजी ने स्पष्ट किया है कि आपराधिक न्याय प्रणाली की दक्षता बढ़ाना राज्य पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसके लिए आवश्यक तकनीकी संसाधन तथा प्रशिक्षण निरंतर जारी रहेगा।

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