रांची (झारखंड): झारखंड सरकार की जीएसटी (GST) से होने वाली कमाई में अक्टूबर महीने में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती (GST Rate Reduction) के बाद राज्य के राजस्व पर सीधा असर पड़ा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में झारखंड की जीएसटी कमाई 456 करोड़ रुपये कम रही, जो पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्शाती है।

अक्टूबर में झारखंड को जीएसटी से हुई 456 करोड़ की राजस्व हानि

वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अक्टूबर 2024 में झारखंड को 2,974 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि अक्टूबर 2025 में यह घटकर 2,518 करोड़ रुपये रह गया।
यानी राज्य को इस महीने में कुल 456 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
यह गिरावट झारखंड को देशभर में तीसरे स्थान पर रखती है, जहां सबसे अधिक राजस्व नुकसान दर्ज किया गया है।

झारखंड तीसरे नंबर पर, पुडुचेरी और हिमाचल को भी भारी नुकसान

जीएसटी काउंसिल (GST Council) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 20 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को अक्टूबर में टैक्स वसूली में गिरावट का सामना करना पड़ा है।
इनमें सबसे अधिक नुकसान पुडुचेरी (24%), उसके बाद हिमाचल प्रदेश (17%), और फिर झारखंड (15%) को हुआ है।
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, उद्योगों में मांग की कमी, कर दरों में कटौती और उत्पादन गतिविधियों में मंदी के कारण राज्यों की टैक्स वसूली पर दबाव बढ़ा है।

केंद्र सरकार की वसूली में वृद्धि, पर राज्यों की हालत कमजोर

दिलचस्प बात यह है कि जहां राज्यों की जीएसटी कमाई में कमी आई है, वहीं केंद्र सरकार की जीएसटी वसूली में 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
पिछले वर्ष अक्टूबर 2024 में देशभर में 1,45,052 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी, जबकि इस साल 1,42,251 करोड़ रुपये की।
इससे केंद्र का राजस्व तो स्थिर रहा, लेकिन राज्यों की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ा।

वित्त विशेषज्ञ बोले – राज्यों के विकास कार्यों पर पड़ेगा असर

वित्तीय विश्लेषकों का कहना है कि इस राजस्व कमी का सीधा असर राज्य सरकार के विकास कार्यों, पेंशन, वेतन और योजनाओं पर पड़ेगा।
झारखंड जैसे खनन-आधारित राज्यों के लिए जीएसटी संग्रह राज्यीय आय का बड़ा हिस्सा है, और इसमें गिरावट आने से राजकोषीय असंतुलन (Fiscal Deficit) बढ़ सकता है।
वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र को राज्यों को मुआवजा अनुदान (Compensation Grant) देने पर विचार करना चाहिए, ताकि उनकी वित्तीय स्थिति संतुलित रहे।

झारखंड के राजस्व में गिरावट का संभावित कारण

विश्लेषकों के अनुसार, झारखंड की कमाई में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं:

  • उद्योगिक उत्पादन में कमी और खनन क्षेत्र की सुस्ती
  • जीएसटी दरों में कटौती से रिटर्न घटा
  • कोयला, इस्पात, और निर्माण क्षेत्र में घटती मांग
  • राज्य के खुदरा कारोबार में मंदी
    झारखंड सरकार अब राज्य-स्तरीय राजस्व स्रोतों जैसे उत्पाद शुल्क और खनिज रॉयल्टी पर ध्यान बढ़ा सकती है, ताकि घाटे की भरपाई की जा सके।

देशभर के आंकड़े: किन राज्यों को हुआ सबसे अधिक नुकसान

राज्य / केंद्रशासित प्रदेशअक्टूबर 2024 (₹ करोड़)अक्टूबर 2025 (₹ करोड़)कमी (₹ करोड़)प्रतिशत गिरावट
पुडुचेरी252192-60-24%
हिमाचल प्रदेश867722-145-17%
झारखंड2,9742,518-456-15%
उत्तराखंड1,8341,604-230-13%
आंध्र प्रदेश3,8153,490-325-9%

केंद्रीय व राज्यीय समन्वय की जरूरत

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जीएसटी में आई इस गिरावट के बाद वित्त विभाग ने राज्य के आंतरिक राजस्व सुधारों पर काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच जीएसटी राजस्व के वितरण को लेकर बेहतर समन्वय की आवश्यकता है।

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