दुमका: झारखंड में शराबबंदी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र राय ने पूर्ण शराबबंदी की मांग करते हुए कहा है कि पार्टी इस पर गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में शराब जनजातीय समाज के लिए अभिशाप बन चुका है और इसके व्यापार पर रोक लगनी चाहिए।
भाजपा की स्पष्ट मांग: झारखंड में शराबबंदी पर विचार
दुमका में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रविंद्र राय ने कहा कि शिबू सोरेन हमेशा कहते थे कि शराब झारखंड के लिए अभिशाप है, फिर मौजूदा सरकार इसे बढ़ावा क्यों दे रही है? उन्होंने कहा कि आदिवासी, दलित और हरिजन समुदाय शराब के कारण सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं और राज्य को बर्बाद करने वाली इस प्रवृत्ति को रोकना जरूरी है।
सरकार पर अराजकता और भ्रष्टाचार के आरोप
रविंद्र राय ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि झारखंड में अराजकता का माहौल है, चारों ओर भ्रष्टाचार व्याप्त है और जनता का सरकार से भरोसा उठ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘बिना राजनीतिक संरक्षण के कोई भी अधिकारी भ्रष्टाचार नहीं कर सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की कल्याणकारी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर रही हैं, और चुनावी योजनाओं के चलते असली विकास कार्य रुक गए हैं’।
आदिवासी संगठनों का विरोध: शिक्षा और रोजगार की मांग
अदिवासी बचाओ मोर्चा ने हाल ही में रांची में प्रदर्शन कर राज्य सरकार के उस निर्णय का विरोध किया, जिसमें जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम सभा की सहमति से शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई थी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार शराब बिक्री को बढ़ावा दे रही है, जबकि आदिवासी समुदाय शिक्षा, रोजगार और भूमि अधिकारों की समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार शराब की बिक्री पर रोक लगाए और आदिवासी क्षेत्रों में विकास योजनाओं को प्राथमिकता दे।
भाजपा का उद्देश्य: राज्य को भ्रष्ट शासन से मुक्ति
रविंद्र राय ने कहा कि भाजपा झारखंड की जनता को इस भ्रष्ट शासन से मुक्ति दिलाने के लिए जागरूकता और एकजुटता अभियान चला रही है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस भ्रष्टाचार और अराजकता के खिलाफ भाजपा के साथ खड़े हों।