चाईबासा (झारखंड): कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के एक पुराने मामले में अब 6 अगस्त 2025 को चाईबासा सिविल कोर्ट में पेश होना अनिवार्य होगा। यह मामला पिछले दो वर्षों से लंबित था, लेकिन अब अदालत ने उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति को अनिवार्य बना दिया है। इस घटनाक्रम के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है।
चाईबासा कोर्ट में पेशी को लेकर कांग्रेस में हलचल
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश ठाकुर हाल ही में चाईबासा पहुंचे और राहुल गांधी की पेशी से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की। यह केवल एक कानूनी कार्यवाही न रहकर अब राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम बन गया है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मामले की गंभीरता को देखते हुए चाईबासा में डटे हुए हैं।
दो वर्षों से टलती रही थी पेशी, अब कोर्ट ने तय की तारीख
राहुल गांधी इस मामले में करीब दो साल से पेशी से बचते रहे, लेकिन पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनके अधिवक्ता से सीधा सवाल कर अगली तारीख 6 अगस्त निर्धारित की थी। अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस बार राहुल गांधी की उपस्थिति अनिवार्य है।
मानहानि का मामला: किसने किया दर्ज और क्यों
यह मामला प्रताप कटिहार द्वारा दर्ज कराया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी द्वारा सार्वजनिक तौर पर की गई एक टिप्पणी निजी और सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती है। प्रताप कटिहार ने कहा कि,
“कोर्ट एक संवैधानिक संस्था है, इसका सम्मान हर व्यक्ति को करना चाहिए, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो।”
प्रताप कटिहार का बयान: “अब देरी नहीं होनी चाहिए”
मीडिया से बात करते हुए प्रताप कटिहार ने कहा कि
“राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ नेता को बार-बार पेशी से बचना शोभा नहीं देता। उन्हें 6 अगस्त को कोर्ट में जरूर उपस्थित होना चाहिए।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि न्यायपालिका के निर्णय का सभी को सम्मानपूर्वक पालन करना चाहिए और सभी राजनेताओं को शालीनता और गरिमा के साथ सार्वजनिक बयान देने चाहिए।
राजनीतिक दृष्टिकोण से मामला बना संवेदनशील
इस पूरे प्रकरण को लेकर झारखंड की राजनीति में हलचल है। कांग्रेस के भीतर इसे लेकर चर्चा है कि अगर राहुल गांधी पेश नहीं होते, तो यह मामला पार्टी की छवि पर प्रभाव डाल सकता है, खासकर राज्य में पार्टी की रणनीतिक दिशा को लेकर।
कोर्ट की निगाहें अब राहुल गांधी की उपस्थिति पर
6 अगस्त की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, अदालत, मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें राहुल गांधी की संभावित उपस्थिति पर टिकी हुई हैं। कोर्ट द्वारा निर्धारित यह तारीख मामले को नए मोड़ पर ला सकती है।
संभावित सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारी
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी की संभावित चाईबासा यात्रा को लेकर प्रशासन और पुलिस विभाग अलर्ट मोड में है। जिला प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था की कड़ी समीक्षा कर रहा है ताकि पेशी के दिन कोई अव्यवस्था न हो।
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