झारखंड राजनीति में बढ़ा विवाद, विपक्ष के नेता ने जताई आपत्ति

रांची (Jharkhand): गोड्डा से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ 47वां मुकदमा दर्ज होने के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस पूरे मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से संवेदनशीलता और निष्पक्षता के साथ संज्ञान लेने की अपील की है।

राजनीति में पारिवारिक लक्ष्यों पर हमला लोकतंत्र के विरुद्ध: बाबूलाल मरांडी

बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया के ज़रिए प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजनीतिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन नेताओं के परिवारजन या समर्थकों को निशाना बनाना राजनीतिक शुचिता और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह संभवतः उन राज्यस्तरीय अधिकारियों की करतूत है जो राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री को दी चेतावनी, कहा- अधिकारी आपकी छवि को कर रहे हैं धूमिल

मरांडी ने हेमंत सोरेन से कहा कि संभव है कि यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना हुआ हो। उन्होंने चेताया कि कुछ अधिकारी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं, जो अतीत में भी सरकार को संकट में डाल चुके हैं। बाबूलाल ने सत्ता के दुरुपयोग को लोकतंत्र के लिए घातक बताते हुए अपील की है कि राजनीतिक प्रतिशोध के इस सिलसिले पर तुरंत रोक लगाई जाए।

मामला: बाबा बैद्यनाथ ट्रस्ट और मेडिकल कॉलेज की जमीन पर विवाद

देवघर के जसीडीह थाना क्षेत्र में सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि बाबा बैद्यनाथ ट्रस्ट की अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने एक भूमि पर मेडिकल कॉलेज खोलने की कोशिश की, जो कथित रूप से गैरकानूनी बताई जा रही है। इस मामले में चार अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी की भी जानकारी सामने आई है।

देवता पांडेय की गिरफ्तारी पर भी जताई गई आपत्ति

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निशिकांत दुबे के करीबी समर्थक देवता पांडेय को भी गिरफ्तार किया गया है। बाबूलाल ने इसे राजनीतिक द्वेष की कार्रवाई बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक लड़ाई जनता के बीच होनी चाहिए, न कि परिवार या समर्थकों को निशाना बनाकर।

राजनीतिक प्रतिशोध या विधिक कार्रवाई?

इस घटनाक्रम को लेकर झारखंड की राजनीति में बहस तेज है। जहां विपक्ष इसे सत्ता का दुरुपयोग बता रहा है, वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जांच विधिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है। हालांकि, यह मामला राज्य में विपक्ष और सत्ता के बीच टकराव का नया बिंदु बन चुका है।

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