इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक नया अध्याय उस समय लिखा गया जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। यह मुलाकात शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक के दौरान हुई, जिसमें जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।

यह पहली बार है जब नौ सालों के बाद भारत के किसी बड़े नेता ने पाकिस्तान का दौरा किया है, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।

SCO मीटिंग के लिए पहुंचे जयशंकर

पाकिस्तान ने अगस्त में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को SCO बैठक के लिए आमंत्रण भेजा था। हालांकि, मोदी खुद इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुए और उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

SCO के इस आयोजन में भारत के अलावा रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, पाकिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया जैसे देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। SCO के ये 10 सदस्य देश वैश्विक आबादी का 43% हिस्सा बनाते हैं, इसलिए इस संगठन का अंतर्राष्ट्रीय महत्व काफी बड़ा है।

नवाज शरीफ ने जताई मोदी की उपस्थिति की ख्वाहिश

इससे पहले, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 14 अक्टूबर को एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद SCO मीटिंग में शामिल होते। उन्होंने कहा, “अगर मोदी इस सम्मेलन में आए होते, तो यह बहुत अच्छा होता।” नवाज की इस टिप्पणी ने दोनों देशों के रिश्तों पर एक नए विमर्श की शुरुआत की है।

क्या है SCO की अहमियत?

शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) एक क्षेत्रीय राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। यह संगठन वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है, खासकर एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में। SCO की बैठक में सदस्य देश आतंकवाद, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं।

इस साल पाकिस्तान द्वारा आयोजित इस बैठक में जयशंकर की उपस्थिति ने यह संदेश भी दिया कि भारत क्षेत्रीय सहयोग के मुद्दे पर गंभीर है, भले ही उसके पड़ोसियों से उसके संबंध कैसे भी हों।

SCO बैठक से भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर क्या पड़ेगा असर?

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, और इस स्थिति में भारतीय विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत और कूटनीतिक संपर्क का यह मौका भविष्य में द्विपक्षीय रिश्तों के सुधार के लिए नई दिशा दे सकता है।

पिछले कुछ वर्षों में भारत-पाकिस्तान के बीच संपर्क सीमित रहा है, और इस्लामाबाद में हुई यह मुलाकात बताती है कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक साथ आने के लिए तैयार हैं। यह मुलाकात भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

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