हजारीबाग जेल में फंदे से लटकी मिली आत्मसमर्पित नक्सली की लाश

हजारीबाग: हजारीबाग स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में एक आत्मसमर्पित नक्सली की मौत ने जेल प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मंगलवार सुबह 30 वर्षीय विचाराधीन बंदी छोटा श्यामलाल देहरी उर्फ संतु देहरी उर्फ सोमालाल देहरी की लाश जेल परिसर के अंदर फंदे से लटकी मिली। यह घटना जेल प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

नक्सली की पहचान और आपराधिक पृष्ठभूमि

मृतक नक्सली छोटा श्यामलाल देहरी, झारखंड के दुमका जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र का निवासी था। वह पूर्व में आत्मसमर्पण कर चुका था और न्यायिक हिरासत में हजारीबाग जेल में बंद था। सूत्रों के अनुसार, देहरी पर विभिन्न थानों में 8 संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे। 9 फरवरी 2021 को उसे दुमका केंद्रीय कारा से हजारीबाग जेल में स्थानांतरित किया गया था।

हत्या या आत्महत्या: जांच में उलझा जेल प्रशासन

घटना के सामने आते ही जेल प्रशासन ने जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। प्रारंभिक रूप से इसे आत्महत्या माना जा रहा है, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए हत्या की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है। जेल अधीक्षक के अनुसार, सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को भी मामले की सूचना दे दी गई है।

जेल में आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाएं बनी चिंता का विषय

हजारीबाग केंद्रीय कारा में यह हालिया महीनों में दूसरी आत्महत्या की घटना है। इससे पहले भी एक सजायाफ्ता कैदी ने इसी जेल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। इन घटनाओं ने जेल में सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली की कमजोरी को उजागर किया है। बंदियों के पास आत्मघाती कदम उठाने के साधन कैसे पहुंच रहे हैं, यह अब प्रशासन के लिए एक गंभीर जांच का विषय बन गया है।

झारखंड की जेलों में कैदियों की सुरक्षा पर सवाल

राज्यभर की जेलों में लगातार सामने आ रही कैदियों की संदिग्ध मौतों ने यह सवाल खड़ा किया है कि आखिर बंदियों की निगरानी के लिए जो सीसीटीवी और निगरानी स्टाफ की व्यवस्था है, वह किस हद तक प्रभावी है। अगर एक विचाराधीन नक्सली इस तरह मौत का शिकार होता है, तो यह सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर चूक को दर्शाता है।

जेल प्रशासन पर बढ़ा दबाव, शासन स्तर पर जांच की मांग

घटना के बाद जेल प्रशासन पर शासन स्तर पर जवाबदेही तय करने का दबाव बढ़ गया है। मृतक की पृष्ठभूमि और जेल में उसकी स्थिति को लेकर विस्तृत जांच की मांग हो रही है। झारखंड पुलिस मुख्यालय और कारा निदेशालय को भी मामले में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।

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