फ्रंट फुट पर खेल रहे हिमंता ने मुस्लिम तुष्टिकरण और घुसपैठियों को मिल रहे संरक्षण को बनाया सबसे बड़ा मुद्दा, बुनियादी सुविधायें देने में हेमन्त सरकार की विफलता का जिक्र भी
रांची : झारखण्ड विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान का नेतृत्व पूरी तरह से असम के मुख्यमंत्री और झारखण्ड प्रदेश भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता विस्वा सरमा ने अपने हाथों में ले लिया है और अब वे फ्रंट फुट पर खेलते हुए झामुमो – कांग्रेस – राजद गठबंधन और इस गठबंधन की सरकार पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं|
अपने हर भाषण में, मीडिया से हर बातचीत में हिमंता झारखण्ड में बांग्लादेशी घुसपैठियों को झामुमो – कांग्रेस द्वारा दिए जा रहे संरक्षण का मुद्दा सबसे प्रमुखता से उठाते हैं| झामुमो – कांग्रेस – राजद गठबंधन की सरकार दुबारा आने पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को मिलनेवाले संरक्षण और उसकी वजह से बहुसंख्यक समुदाय और आदिवासी आबादी की असुरक्षा का शब्द चित्र खींचते हुए हिमंता पूरी साफगोई से कहते हैं कि इनकी सरकार आयी तो सिर्फ आलमगीर आलम, तनवीर आलम और इरफ़ान अंसारी जैसे लोगों की चलेगी और शेष समाज पूरी तरह असुरक्षित होगा| बिना लाग – लपेट के वे कह देते हैं कि मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण एक वर्ग विशेष के मंसूबे सातवें आसमान पर हैं और अगर उन्हें एक बार फिर सत्ता का संरक्षण मिला तो झारखण्ड की हालत बांग्लादेश से भी बदतर हो सकती है|
हिमंता सीता सोरेन के बारे में मंत्री इरफ़ान अंसारी की टिप्पणी को भी मुद्दा बना रहे हैं और इसे आदिवासी समुदाय के स्वाभिमान पर चोट बताकर आदिवासी समुदाय को झामुमो – कांग्रेस के खिलाफ गोलबंद करने का प्रयास कर रहे हैं| इस प्रयास में वे काफी हद तक सफल होते दिख भी रहे हैं|
बिजली – पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में हेमन्त सरकार की विफलता भी हिमंता के लिए एक बड़ा मुद्दा है| हिमंता कहते हैं कि देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक झारखण्ड में लोगों को पर्याप्त बिजली न मिल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है|अपने गृह प्रदेश असम का उदाहरण देते हुए हिमंता कहते हैं कि झारखण्ड के कोयले से बनी बिजली असम के लोगों को हर दिन 22 घंटे मिलती है फिर कोयले का अकूत भण्डार रखनेवाले झारखण्ड में बिजली की किल्लत को राज्य सरकार की नाकामी और बेईमानी के अलावा और कुछ नहीं कहा जा सकता|
हिमंता याद दिलाते हैं कि हर घर नल से जल योजना के लिए मोदी सरकार ने झारखण्ड की हेमन्त सरकार को लाखों करोड़ रुपये दिए लेकिन यह योजना बंदरबांट का शिकार हो गयी|
हिमंता यह याद दिलाना भी नहीं भूलते कि मंत्री आलमगीर आलम के पीए के नौकर के यहाँ करोड़ों बरामद होते हैं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद के यहाँ सैकड़ों करोड़ रुपये मिलते हैं और झामुमो कोटे के जल संसाधन और पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ईडी की राडार पर हैं|