गिरिडीह : झारखंड के गिरिडीह जिले में जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। जिलाधिकारी (DC) रामनिवास यादव के निर्देश पर अब मुखिया द्वारा जारी वंशावली और एलपीसी (Land Position Certificate) को जमीन रजिस्ट्री के लिए मान्य दस्तावेजों की सूची से बाहर कर दिया गया है। इस संबंध में जिला निबंधन कार्यालय ने आधिकारिक नोटिस जारी कर दिया है।
जमीन रजिस्ट्री में बदलाव क्यों जरूरी हुआ
पिछले कुछ वर्षों से जमीन दस्तावेजों में अनियमितताओं और फर्जीवाड़े की शिकायतें बढ़ रही थीं। अधिकारियों के मुताबिक, कई बार मुखिया द्वारा जारी वंशावली में मनमानी की जाती थी और गलत व्यक्तियों को उत्तराधिकारी के रूप में दर्शाया जाता था। वहीं, एलपीसी पर भी राजस्व कर्मचारियों द्वारा गड़बड़ी के आरोप लगे।
इन्हीं शिकायतों के बाद हाल ही में आयोजित राजस्व विभाग की जिलास्तरीय बैठक में DC ने इन दोनों दस्तावेजों की मान्यता समाप्त करने का आदेश दिया।
अब किन दस्तावेजों से होगी जमीन की रजिस्ट्री
जिला अवर निबंधक बालेश्वर पटेल ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत जमीन की रजिस्ट्री के लिए अब निम्नलिखित वैध दस्तावेज आवश्यक होंगे–
- केवाला (Sale Deed)
- खतियान (Record of Rights)
- पंजी-2 (Register II)
- शुद्धिपत्र (Correction Document)
- अन्य संबंधित वैध दस्तावेज
इनके बिना किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी।
बदलाव का सीधा प्रभाव
प्रशासन का मानना है कि इस फैसले से भूमि विवादों में कमी, दस्तावेजों की सत्यता सुनिश्चित करने और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। अब जमीन खरीदने और बेचने वालों को पारदर्शी और प्रमाणिक प्रक्रिया से गुजरना होगा।
गिरिडीह प्रशासन की सख्ती
DC ने स्पष्ट किया है कि अब जमीन से जुड़े सभी मामलों में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम भूमि पंजीकरण प्रणाली में पारदर्शिता और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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