खूंटी, 11 दिसंबर 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वयोवृद्ध नेता और जनसंघ काल के प्रमुख सदस्य मुनीनाथ मिश्रा का मंगलवार रात 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी अस्वस्थता के चलते पिछले कुछ महीनों से वे सार्वजनिक जीवन से दूर थे। मंगलवार रात करीब एक बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से खूंटी सहित पूरे राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर है।
करिया मुंडा के निकटतम सहयोगी और समाजसेवा में योगदान
मुनीनाथ मिश्रा को पद्मभूषण करिया मुंडा के निकटतम सहयोगियों में गिना जाता था। राजनीति में उनके योगदान ने न केवल खूंटी बल्कि पूरे झारखंड की राजनीति को प्रभावित किया। वे बाबा आम्रेश्वर धाम प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष भी थे, जहां उन्होंने समाज और धर्म के लिए सराहनीय कार्य किए।
उनकी राजनीतिक सूझबूझ और संगठन कौशल ने उन्हें झारखंड के प्रभावशाली नेताओं में शामिल किया। जनसंघ के समय से भाजपा के उत्थान में उनकी भूमिका ऐतिहासिक मानी जाती है।
स्वास्थ्य समस्याएं और इलाज का सफर
बीते कुछ महीनों से वे स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ समय तक स्वास्थ्य में सुधार के बाद वे खूंटी लौट आए। हालांकि, घर पर ही उनकी तबीयत बिगड़ती रही और अंततः मंगलवार रात उनका निधन हो गया।
नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने व्यक्त की संवेदना
मुनीनाथ मिश्रा के निधन पर कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की।
- पद्मभूषण करिया मुंडा ने कहा:”मुनीनाथ मिश्रा जी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने पार्टी और समाज के लिए अमूल्य योगदान दिया।”
- सांसद कालीचरण मुंडा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, और पूर्व विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
- भाजपा और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।
निधन से उपजा खालीपन
मुनीनाथ मिश्रा के निधन से झारखंड की राजनीति में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है। उनके नेतृत्व, अनुभव और समाजसेवा की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब उनके अनुयायियों और पार्टी पर होगी।
उनका अंतिम संस्कार खूंटी में उनके पैतृक गांव में किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना है।