झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लोकतंत्र की जीत और तानाशाही की हार करार दिया है।
‘लोकतंत्र की जीत, तानाशाही की हार’
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “यह लोकतंत्र की जीत और अन्याय व तानाशाही की हार है।”
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए मनीष सिसोदिया को शुभकामनाएं दीं।
सोरेन ने आगे लिखा, “सिसोदिया का संघर्ष इतिहास बनेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत होगा।”
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी जमानत?
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि सिसोदिया पिछले 17 महीनों से हिरासत में थे और मुकदमा अब तक शुरू नहीं हुआ।
इससे सिसोदिया त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित हो गए।
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का कारण
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।
सीबीआई का आरोप था कि सिसोदिया ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया और लगे आरोपों पर संतोषजनक जवाब नहीं दिए।
जांच के दौरान सीबीआई ने उन्हें कई डिजिटल सबूत और दस्तावेज दिखाए, लेकिन सिसोदिया इन सबूतों का जवाब देने में असफल रहे।
मनीष सिसोदिया की जमानत पर हेमंत सोरेन की यह प्रतिक्रिया राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।
सोरेन ने इस मौके पर न केवल सिसोदिया के संघर्ष की सराहना की, बल्कि इसे लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत के रूप में भी पेश किया।
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