प्रशासनिक फैसलों के विरोध में उमड़ा जनसैलाब

पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में सोमवार को एक विशाल जन आक्रोश रैली निकाली गई। इस रैली में मानकी-मुंडा प्रतिनिधि, छात्र संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। रैली का मुख्य उद्देश्य डीसी चंदन कुमार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विरोध दर्ज कराना था।

सुबह से ही लोग खुट्टकटी मैदान में जुटने लगे और पारंपरिक परिधानों में हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर बड़ी संख्या में शामिल हुए।

नारेबाजी और पदयात्रा से गूंजा शहर

जन आक्रोश रैली खुट्टकटी मैदान से निकलकर सरायकेला मोड़ स्थित आयुक्त कार्यालय तक पदयात्रा के रूप में पहुंची। इस दौरान रैली में शामिल लोग “डीसी चंदन कुमार को बर्खास्त करो”, “मानकी मुंडा एकता जिंदाबाद”, “छात्र एकता जिंदाबाद” जैसे नारों से पूरे मार्ग को गूंजाते रहे।

राज्यपाल के नाम सौंपा गया ज्ञापन

आयुक्त कार्यालय पहुंचने पर प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इसमें आरोप लगाया गया कि उपायुक्त चंदन कुमार ने रिकॉर्ड ऑफ राइट (RoR) में मनमाने ढंग से बदलाव किए हैं, जिससे स्थानीय समाज के पारंपरिक अधिकारों का हनन हो रहा है।

ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि हुकुमनामा व्यवस्था को मानकी-मुंडा की परंपरागत प्रणाली के आधार पर बहाल किया जाए।

राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी

रैली में कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन भी सक्रिय रूप से शामिल हुए। झारखंड क्रांतिकारी मोर्चा के सदस्य एवं अधिवक्ता महेंद्र जामुदा ने कहा कि यह आंदोलन केवल किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि पूरे समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।

प्रशासनिक नीतियों पर उठे सवाल

कई सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की नीतियां लगातार जनविरोधी साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जल-जंगल-जमीन की सुरक्षा और पारंपरिक अधिकारों की बहाली के बिना आम नागरिकों की समस्याएं और बढ़ेंगी। संगठनों ने साफ किया कि जब तक सरकार ठोस पहल नहीं करती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

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