विधानसभा चुनाव से पहले सीबीआई की बड़ी कार्रवाई
रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य में अवैध खनन घोटाले पर शिकंजा कसा है। मंगलवार को सीबीआई की टीम ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार के कुल 16 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 1250 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाले की जांच के दौरान 50 लाख रुपये नकद, एक किलो सोना और कुछ चांदी के आभूषण बरामद किए गए हैं। इन ठिकानों में रांची, साहिबगंज, कोलकाता और पटना शामिल हैं।
छापेमारी की प्रमुख जगहें और नाम
सीबीआई ने जिन लोगों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की, उनमें कई प्रमुख नाम शामिल हैं। साहिबगंज और रांची के कई व्यवसायियों और व्यक्तियों के घरों और कार्यालयों पर कार्रवाई की गई। इन नामों में प्रेम प्रकाश, सीए जयपुरियार, महताब आलम, रंजन वर्मा, संजय जायसवाल, सुब्रतो पाल, टिंकल भगत, अवध किशोर सिंह, भगवान भगत और कृष्णा शाह शामिल हैं।
रांची में प्रमुख ठिकानों पर छापेमारी
सीबीआई की टीम ने रांची में प्रेम प्रकाश और सीए जयपुरियार से जुड़े स्थानों पर छापेमारी की, जहां उन्हें महत्वपूर्ण दस्तावेज और कुछ संदिग्ध जानकारी भी मिली।
साहिबगंज में कड़ी कार्रवाई
साहिबगंज में रंजन वर्मा, संजय जायसवाल, और सुब्रतो पाल समेत कई अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की गई। अवैध खनन के मामले में इन व्यक्तियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, और सीबीआई इस मामले में गहराई से जांच कर रही है।
क्या है मामला?
नींबू पहाड़ पर अवैध खनन का मामला
सीबीआई द्वारा यह जांच नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले के संबंध में की जा रही है। स्थानीय प्रधान विजय हांसदा ने पहले इस मामले में गवाही दी थी, लेकिन बाद में वे अपने बयान से मुकर गए। जांच के दौरान विभिन्न व्यक्तियों पर अवैध खनन से संबंधित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
ईडी और सीबीआई की संयुक्त कार्रवाई
इस घोटाले के मुख्य आरोपी पंकज मिश्रा, विष्णु कुमार यादव, पवितर कुमार यादव, राजेश यादव, संजय कुमार यादव, बच्चू यादव, संजय यादव, सुवेश मंडल और अन्य हैं, जिनके खिलाफ ईडी के बाद अब सीबीआई भी जांच में जुट गई है। साहिबगंज के एसटी-एससी थाने में दर्ज मामलों को सीबीआई ने टेकओवर किया है, और सीबीआई के डीएसपी कृष्ण कुमार सिंह को मामले का जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
झारखंड माइंस एंड मिनरल्स एक्ट, आर्म्स एक्ट और एसटी-एससी एक्ट में मामले दर्ज
साहिबगंज में अवैध खनन के इस बड़े घोटाले के मामले में झारखंड माइंस एंड मिनरल्स एक्ट, आर्म्स एक्ट और एसटी-एससी एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं। सीबीआई इस मामले में सभी सबूतों का विश्लेषण कर रही है और आगे की कार्रवाई में जुटी है।