Giridih: गिरिडीह के गांडेय क्षेत्र में जयराम महतो की पार्टी JLKM को एक बड़ा झटका लगा है। JLKM के गांडेय प्रत्याशी अकील अख्तर उर्फ रिजवान क्रांतिकारी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की सदस्यता ग्रहण कर ली। यह कदम JLKM के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकता है, खासकर क्योंकि जयराम महतो ने पार्टी के वरीय नेता राजेश यादव की दावेदारी को हटाकर अकील अख्तर को टिकट दिया था।
JMM में शामिल होने से बदला चुनावी समीकरण
अकील अख्तर के JMM में शामिल होने से गांडेय विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण बदल गए हैं। माना जा रहा है कि अब अकील अख्तर गांडेय से अपना नामांकन वापस ले सकते हैं और JMM की उम्मीदवार कल्पना सोरेन के समर्थन में प्रचार कर सकते हैं। इससे कल्पना सोरेन को काफी फायदा हो सकता है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय में अकील अख्तर का प्रभाव काफी मजबूत माना जाता है, और वे JLKM के टिकट पर मुस्लिम वोटों को प्रभावित करने वाले अहम कारक थे।
राजेश यादव की निर्दलीय दावेदारी ने बढ़ाई चुनौती
हालांकि, JLKM के पूर्व नेता राजेश यादव ने भी गांडेय से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। राजेश यादव की इलाके के मुस्लिम और आदिवासी समुदायों में अच्छी पकड़ है, जिससे चुनावी मुकाबला और अधिक रोमांचक हो गया है।
त्रिकोणीय मुकाबले में JMM, भाजपा और निर्दलीय प्रत्याशी
अब गांडेय का चुनाव त्रिकोणीय हो चुका है। एक ओर भाजपा की मुनिया देवी, दूसरी ओर JMM की कल्पना सोरेन और तीसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी राजेश यादव के बीच मुकाबला होने की संभावना है। इस चुनाव में जहां भाजपा और JMM के समर्थक अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए जुटे हैं, वहीं राजेश यादव की मजबूती से यह चुनावी मुकाबला दिलचस्प और कठिन हो गया है।
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